बदरीनाथ धाम के कपाट आज सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए खुले, 15 क्विंटल फूलों से सजा मंदिर परिसर
The doors of Badrinath Dham opened for devotees at 6 am today, the temple premises decorated with 15 quintals of flowers

चमोली (उत्तराखंड): चारधाम यात्रा के शुभारंभ के साथ ही आज 4 मई को श्रद्धालुओं का वर्षों से प्रतीक्षित पल आ गया, जब भगवान विष्णु के निवास माने जाने वाले भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट सुबह 6 बजे विधिवत रूप से खोल दिए गए। कपाट खुलने की इस पावन घड़ी में हजारों की संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालु, मंदिर समिति के अधिकारी, पुजारी, वेदपाठी और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे।
मंदिर परिसर को करीब 15 क्विंटल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया, जिससे समस्त वातावरण आध्यात्मिक उल्लास से भर उठा। कपाट खुलने की प्रक्रिया अलसुबह 4 बजे से शुरू हुई, जब मंदिर समिति के अधिकारी-कर्मचारी मंदिर परिक्रमा में सम्मिलित हुए। इसके बाद 4:30 बजे श्री कुबेर जी दक्षिण द्वार से मंदिर में प्रवेश किए, जो परंपरा का अभिन्न अंग है।
सुबह 5 बजे विशिष्ट अतिथिगण, रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठी, हक-हकूकधारी और डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि मंदिर परिक्रमा में पहुंचे। ठीक 5:30 बजे द्वार पूजन की प्रक्रिया शुरू हुई और ठीक 6:00 बजे भगवान बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
चारधामों में एक प्रमुख धाम बदरीनाथ मंदिर, समुद्र तल से 10,277 फीट की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यहां उन्हें ध्यानावस्था में विराजमान माना जाता है। कपाट खुलने की तिथि हर वर्ष बसंत पंचमी के दिन नरेंद्रनगर स्थित टिहरी राजदरबार में घोषित की जाती है।
कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं के चेहरों पर आस्था और आनंद की झलक देखने को मिली। मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार और घंटियों की गूंज के साथ माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। 3 मई से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम में पहुंचने लगे थे, जिससे क्षेत्र में खासा उत्साह और चहल-पहल बनी हुई है।
चारधाम यात्रा की आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत में गहराई से जुड़ा बदरीनाथ धाम आज भी देशभर के लोगों की श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। कपाट खुलने के साथ ही यात्रा के चरम पर पहुंचने की शुरुआत हो चुकी है।