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हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर: शिवभक्तों की आस्था का केंद्र

Daksheshwar Mahadev Temple located in Kankhal, Haridwar: The center of faith of Shiva devotees

सीएम धामी ने साझा किया मंदिर का वीडियो

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के धार्मिक स्थलों और मंदिरों के प्रचार-प्रसार में लगातार सक्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर का वीडियो साझा किया। इस वीडियो के जरिए उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि हरिद्वार आगमन पर इस पावन धाम के दर्शन अवश्य करें।

सीएम धामी ने अपने पोस्ट में लिखा –
“हरिद्वार के कनखल में स्थित श्री दक्षेश्वर महादेव मंदिर लाखों शिवभक्तों की आस्था का केंद्र है। सावन मास में देशभर से श्रद्धालु यहाँ जलाभिषेक करने आते हैं। धर्मनगरी हरिद्वार आगमन पर इस पावन धाम के दर्शन अवश्य करें।”

हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर

दक्षेश्वर महादेव मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिर है। यह हरिद्वार मुख्य शहर से लगभग 4 किलोमीटर दूर कनखल में स्थित है। इसका नाम माता सती के पिता महाराजा दक्ष प्रजापति के नाम पर रखा गया है।

इतिहास के अनुसार, यह मंदिर 1810 में रानी धनकौर द्वारा बनवाया गया था और 1962 में इसका पुनर्निर्माण किया गया था। यह मंदिर महा शिवरात्रि और सावन मास में शिवभक्तों से खचाखच भरा रहता है।

पौराणिक कथा से जुड़ा है मंदिर का महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा दक्ष प्रजापति, जो ब्रह्मा जी के पुत्र थे, ने एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया था। हालांकि, उन्होंने अपने दामाद भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया। जब माता सती ने यह देखा, तो उन्होंने इस अपमान को सहन न कर पाने के कारण यज्ञ की अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए

जब भगवान शिव को इस घटना का पता चला, तो उन्होंने क्रोधित होकर अपने गण वीरभद्र को कनखल भेजा। वीरभद्र ने राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में देवताओं के अनुरोध पर भगवान शिव ने एक बकरे का सिर राजा दक्ष के धड़ पर लगा दिया और उन्हें पुनर्जीवित कर दिया। पश्चाताप स्वरूप राजा दक्ष ने भगवान शिव से क्षमा मांगी, जिसके बाद शिवजी ने घोषणा की कि वे सावन के पवित्र महीने में कनखल में निवास करेंगे। इसी स्थान पर दक्षेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण किया गया।

एकमात्र मंदिर जहां राजा दक्ष की भी होती है पूजा

दक्षेश्वर महादेव मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव के साथ राजा दक्ष के कटे हुए सिर की भी पूजा की जाती है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से भी इसकी विशेष मान्यता है।

कैसे पहुंचें दक्षेश्वर महादेव मंदिर?

  • रेल मार्ग: हरिद्वार रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी मात्र 3 किलोमीटर है, जिसे ऑटो या रिक्शा से तय किया जा सकता है।
  • सड़क मार्ग: दिल्ली और अन्य राज्यों से हरिद्वार के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) है, जो कनखल से लगभग 38 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां से बस और टैक्सी द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

शिवभक्तों के लिए यह मंदिर एक अत्यंत पवित्र स्थल है, जहां आकर श्रद्धालु भक्ति और शांति का अनुभव करते हैं।

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