उत्तरकाशी में सांप्रदायिक विवाद गहराया: मस्जिद मुद्दे पर महापंचायत में गर्मागर्म बहस, धार्मिक नगरी बनाने की उठी मांग
Communal dispute deepens in Uttarkashi: Heated debate in Mahapanchayat on mosque issue, demand raised to make it a religious city

देहरादून: उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला हाल के वर्षों में सांप्रदायिक विवादों के कारण सुर्खियों में रहा है। मस्जिद विवाद और हिंदू महापंचायत ने एक बार फिर जिले का माहौल गरमा दिया। सोमवार को आयोजित महापंचायत में कई हिंदूवादी नेताओं ने भाग लिया, लेकिन उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुट सकी। इसके बावजूद मस्जिद विवाद, अवैध मजार और धार्मिक नगरी बनाने की घोषणाओं ने नए सिरे से चर्चा को जन्म दिया।
मस्जिद विवाद और महापंचायत का प्रभाव
उत्तरकाशी में 55 साल पुरानी एक मस्जिद को अवैध बताते हुए हिंदू संगठनों ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। मस्जिद का मामला कोर्ट में लंबित है, फिर भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। महापंचायत के दौरान दुकानें बंद रहीं, समुदाय विशेष के लोग घरों में रहे, और पुलिस बल बड़ी संख्या में तैनात रहा।
धार्मिक नगरी बनाने की घोषणा
गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने उत्तरकाशी को धार्मिक नगरी घोषित करने की पहल की है। उन्होंने कहा, “शहर में मीट की दुकानें और नॉनवेज बिक्री पूरी तरह बंद की जाएगी।” उनका कहना है कि उत्तरकाशी की पवित्रता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
हिंदू संगठनों की नाराजगी
हिंदूवादी नेता स्वामी दर्शन भारती ने महापंचायत के नतीजों पर असंतोष जताते हुए कहा कि संगठन इस मुद्दे पर फिर से विचार करेगा और आने वाले दिनों में निर्णायक कदम उठाएगा। हिंदूवादी संगठनों ने अवैध मस्जिदों और मजारों की जानकारी इकट्ठा कर प्रशासन को सौंपने की योजना बनाई है।
बीजेपी और कांग्रेस के बयानों की जंग
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन यह कानून के दायरे में होना चाहिए। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इसे सरकार की साजिश करार दिया। प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि “सरकार सांप्रदायिक माहौल बनाकर ध्यान भटकाने का काम कर रही है।”
मस्जिद विवाद का मूल
उत्तरकाशी के बाड़ाहाट इलाके में 1969 में बनी मस्जिद का मामला 2005 में जमीन के दाखिल-खारिज के दौरान विवादित हो गया। सितंबर 2023 में हिंदू संगठनों ने आरटीआई के जरिए इसकी वैधता पर सवाल उठाए। इसके बाद तनाव बढ़ता चला गया।
भविष्य की रणनीति पर नजर
महापंचायत के बाद हिंदूवादी संगठनों ने सभी जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपने और अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की मांग की योजना बनाई है। उत्तरकाशी मस्जिद विवाद और इससे जुड़े मुद्दे राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के संकेत दे रहे हैं, जबकि प्रशासन और राजनीतिक दल इसे शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश में जुटे हैं।
यह विवाद न केवल धार्मिक संवेदनाओं को उभार रहा है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए चुनौती बनता जा रहा है।