
देहरादून: उत्तराखंड सरकार की तकनीकी पहल ‘यूके-जीएएमएस’ (UK-Governance and Management System) को सरकारी प्रशासन में नवाचार और पारदर्शिता के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार देशभर की उन योजनाओं को दिया जाता है जो शासन प्रणाली को अधिक प्रभावशाली और जनता-केंद्रित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
यूके-जीएएमएस: एक क्रांतिकारी प्रणाली
यूके-जीएएमएस एक डिजिटल गवर्नेंस सिस्टम है जिसे प्रशासनिक कार्यों की निगरानी, मूल्यांकन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए विभागों के बीच समन्वय, योजना क्रियान्वयन की निगरानी और नागरिकों की शिकायतों का डिजिटल समाधान किया जाता है। इससे फाइलों की आवाजाही से लेकर परियोजनाओं की प्रगति तक, हर गतिविधि को रियल-टाइम ट्रैक किया जा सकता है।
पुरस्कार का महत्व
इस प्रणाली को प्रधानमंत्री पुरस्कार इसलिए प्राप्त हुआ क्योंकि यह पारंपरिक प्रशासनिक ढांचे को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में सफल रही है। इसके जरिए राज्य सरकार ने न केवल योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित की है, बल्कि जवाबदेही की भावना को भी मजबूती दी है। दूरस्थ इलाकों में काम कर रहे अधिकारियों के कार्य की भी अब रीयल-टाइम मॉनिटरिंग संभव हो गई है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि को राज्य की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि यूके-जीएएमएस ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता का नया अध्याय लिखा है। यह प्रणाली न सिर्फ शासन को डिजिटल रूप से मजबूत करती है, बल्कि जनता के विश्वास को भी बढ़ावा देती है।
राष्ट्र के लिए एक मॉडल
यूके-जीएएमएस केवल उत्तराखंड के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत है। यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान के तहत ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है। अन्य राज्य भी इस प्रणाली को अपनाकर अपनी प्रशासनिक क्षमताओं को सुदृढ़ कर सकते हैं।
यूके-जीएएमएस की सफलता यह दर्शाती है कि तकनीक के प्रभावी उपयोग से शासन को न सिर्फ सरल और पारदर्शी बनाया जा सकता है, बल्कि नागरिकों को बेहतर सेवाएं भी दी जा सकती हैं। यह पुरस्कार उत्तराखंड के लिए एक सम्मान है और भविष्य में ई-गवर्नेंस को एक नई दिशा देने वाला प्रयास भी।