देहरादून: उत्तराखंड में अशासकीय विद्यालयों के राजकीयकरण को लेकर राज्य सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने की तैयारी कर ली है। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए। प्रबंध समिति के प्रस्ताव पर आधारित इन विद्यालयों के राजकीयकरण पर अब शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने अशासकीय विद्यालयों में लंबे समय से खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने के लिए ठोस नीति बनाने का आह्वान किया। मंत्री ने कहा कि इन भर्तियों में भाई-भतीजावाद और अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही हैं, जिन्हें दूर करने के लिए सरकार ने संस्था या आयोग के माध्यम से पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।
समीक्षा बैठक में राज्य के विभिन्न मॉडल विद्यालयों जैसे अटल उत्कृष्ट विद्यालय, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और अन्य आवासीय छात्रावासों के संचालन और उनमें शिक्षकों की अस्थायी व्यवस्था पर भी चर्चा की गई।
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं से संबंधित आंकड़े तैयार कर आगामी बैठक में प्रस्तुत किए जाएं, ताकि आगे की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हो सके।

