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केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे के बाद फिर शुरू हुई हेली सेवाएं, सख्त निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था में बढ़ोतरी

Heli services resumed after Kedarnath helicopter accident, strict monitoring and increased security

देहरादून, 18 जून 2025 — केदारनाथ में 15 जून को हुए हेलीकॉप्टर हादसे के बाद अस्थायी रूप से रोकी गई हेली सेवाओं को 17 जून से दोबारा शुरू कर दिया गया है। इस बार यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने कई नए दिशा-निर्देश लागू किए हैं और निगरानी को पहले से ज्यादा सख्त कर दिया गया है।

चारधाम यात्रा के तहत केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं 2 मई से शुरू हुई थीं। अब तक लगभग डेढ़ महीने में पांच हेलीकॉप्टर से जुड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 13 लोगों की जान जा चुकी है। इस बढ़ती दुर्घटना संख्या ने न केवल श्रद्धालुओं बल्कि प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी थी।

DGCA और UCADA की कड़ी निगरानी में सेवाएं शुरू

15 जून की दुर्घटना के तुरंत बाद 16 जून को सभी हेली सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गई थीं। इसके बाद 17 जून से सेवाएं एक बार फिर शुरू कर दी गईं, लेकिन इस बार संचालन पूरी तरह से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) की सख्त निगरानी में किया जा रहा है।

सहस्त्रधारा हेलीपोर्ट पर विशेष निगरानी तंत्र सक्रिय

देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपोर्ट पर एक स्थायी निगरानी टीम तैनात की गई है, जिसमें DGCA के अधिकारी, मौसम विभाग (IMD) के विशेषज्ञ, हेली ऑपरेटर और पायलट शामिल हैं। यह टीम मौसम की सटीक जानकारी के आधार पर उड़ानों की अनुमति देती है ताकि किसी भी दुर्घटना की आशंका को कम किया जा सके।

हेली ऑपरेटरों की गतिविधियों पर पैनी नजर

पिछले कुछ समय में कुछ हेलीकॉप्टर कंपनियों द्वारा नियमों की अनदेखी की शिकायतें सामने आई थीं। इस पर गंभीरता दिखाते हुए UCADA ने सभी ऑपरेटरों पर विशेष निगरानी शुरू कर दी है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वे सभी DGCA द्वारा निर्धारित मानकों का पूरी तरह पालन करें।

UCADA की सीईओ सोनिका ने दिए स्पष्ट निर्देश

UCADA की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनिका ने बताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “हेली सेवाओं की निरंतर निगरानी की जाएगी और अगर कोई ऑपरेटर नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि

चारधाम यात्रा में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हेलीकॉप्टर ही उनकी पहली पसंद बनते हैं। प्रशासन का प्रयास है कि सेवा तेज़ ही नहीं, पूरी तरह सुरक्षित भी हो। वर्तमान में जो कदम उठाए गए हैं, वे भविष्य की यात्रा को भी अधिक संरक्षित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

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