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उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक: 25 बड़े प्रस्तावों को मिली मंजूरी, कीवी नीति से लेकर शिक्षा और आपदा राहत तक लिए गए फैसले

Important meeting of Uttarakhand Cabinet: 25 major proposals approved, decisions taken from kiwi policy to education and disaster relief

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में राज्य मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। लगभग दो महीने बाद हुई इस बैठक में कुल 25 जनहित से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक शाम 6:25 बजे शुरू हुई और लगभग चार घंटे तक चली।

राज्य की कृषि और बागवानी को मिलेगा बढ़ावा

बैठक में उत्तराखंड कीवी नीति को हरी झंडी मिल गई। फिलहाल राज्य में 682 हेक्टेयर भूमि पर 381 मीट्रिक टन कीवी का उत्पादन होता है, जिसे 2030-31 तक बढ़ाकर 3500 हेक्टेयर और 33 हजार मीट्रिक टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रति एकड़ 12 लाख रुपये की लागत निर्धारित की गई है, जिसमें 50 से 70 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।
ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग योजना को भी मंजूरी मिली है, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में 282 एकड़ में खेती की जाएगी और किसानों को 80% तक सब्सिडी मिलेगी।

संस्कृति और शिक्षा के लिए नई पहल

प्रदेश के हर जिले में एक गांव को संस्कृत ग्राम घोषित किया जाएगा, जहां तीन साल तक संस्कृत के प्रचार के लिए इंटेक्टर नियुक्त किए जाएंगे जिन्हें ₹20,000 मासिक मानदेय मिलेगा।
इसके अलावा, कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क नोटबुक उपलब्ध कराई जाएंगी।

आपदा राहत और बुनियादी ढांचे को मजबूती

आपदा प्रबंधन में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारियों के वित्तीय अधिकार को ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ और मंडलायुक्त के अधिकार ₹50 लाख से ₹5 करोड़ कर दिए गए हैं।
देहरादून की रिस्पना नदी के किनारों को फ्लड फिलिंग जोन घोषित करने की अधिसूचना को भी मंजूरी मिली।

अन्य प्रमुख फैसले

  • यूसीसी के तहत शादी और तलाक के मामलों में अब सब-रजिस्ट्रार अधिकृत होंगे।
  • स्वच्छ पेशे में कार्यरत दिवंगत या दिव्यांग कर्मचारियों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाएगी।
  • पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए 11 हेक्टेयर भूमि निशुल्क एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी जाएगी।
  • मेगा इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट पॉलिसी का कार्यकाल जून 2025 तक बढ़ाया गया।

यह कैबिनेट बैठक राज्य के विकास और आमजन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण और दूरगामी प्रभाव वाले निर्णयों से भरपूर रही।

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