
औली (चमोली): उत्तराखंड के प्रसिद्ध विंटर डेस्टिनेशन औली से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां 29 जनवरी 2025 से प्रस्तावित राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों को कम बर्फबारी के चलते फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। औली की नंदा देवी इंटरनेशनल FIS स्कीइंग स्लोप पर अल्पाइन स्कीइंग इवेंट्स के लिए पर्याप्त बर्फ न होने के कारण ये निर्णय लिया गया।
बता दें कि 2010-11 में सैफ विंटर गेम्स के दौरान करीब साढ़े 6 करोड़ रुपए खर्च करके औली में यूरोपियन आर्टिफिशियल स्नो मेकिंग सिस्टम स्थापित किया गया था। लेकिन यह सिस्टम आज तक औली की ढलानों पर कृत्रिम बर्फबारी में सफल नहीं हो पाया। नतीजतन, औली की इंटरनेशनल स्कीइंग स्लोप हर बार प्राकृतिक बर्फबारी पर निर्भर रही। इस वजह से औली को पहले भी चार बार राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों और दो बार इंटरनेशनल FIS स्कीइंग रेस इवेंट्स की मेजबानी गंवानी पड़ी है।
इस बार भी औली में नेशनल विंटर गेम्स को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। हालांकि, यदि फरवरी-मार्च में पर्याप्त बर्फबारी होती है, तो इन खेलों के लिए नई तारीखों की घोषणा की जा सकती है। फिलहाल 29 जनवरी का शेड्यूल रद्द कर दिया गया है।
स्थानीय खिलाड़ियों और एसोसिएशन की चिंता
उत्तराखंड स्की एंड स्नोबोर्ड एसोसिएशन के सदस्यों विवेक पंवार और रविंद्र कंडारी ने खेलों के स्थगित होने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि औली में बर्फ की कमी के कारण बार-बार नेशनल विंटर गेम्स का रद्द होना न केवल स्थानीय स्कियरों के लिए दुखद है, बल्कि इससे औली की विंटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन के रूप में छवि भी धूमिल हो रही है। उन्होंने मांग की कि प्राकृतिक बर्फ पर निर्भरता को खत्म करने के लिए कृत्रिम बर्फबारी की व्यवस्था को कारगर बनाया जाए।
इस बार का यह स्थगन औली के विंटर स्पोर्ट्स को नई चुनौतियां पेश कर रहा है, जिससे राज्य की खेल विकास योजनाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं।