मनरेगा श्रमिकों के पंजीकरण में तेजी — सीएम धामी बोले, “श्रमवीर हैं विकास की असली नींव”
MNREGA worker registrations accelerate – CM Dhami says, “Laborers are the real foundation of development”

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UKBCWB) की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के सभी मनरेगा श्रमिकों को अगले तीन महीनों में पंजीकृत किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया “मिशन मोड” में चले ताकि कोई भी पात्र श्रमिक सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे।
सीएम ने कहा, “हमारे श्रमिक राज्य के विकास के सच्चे निर्माता हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के बिना उत्तराखंड की प्रगति की कल्पना नहीं की जा सकती।” उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पंचायत स्तर तक योजनाओं की जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम विभाग और बोर्ड के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि हर श्रमिक को सरकार की योजनाओं की जानकारी मिले। उन्होंने पंचायत स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने और पंजीकरण प्रक्रिया को जनआंदोलन बनाने पर जोर दिया। सीएम ने कहा, “श्रमिकों का कल्याण केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है। सरकार उनके जीवन में स्थायी परिवर्तन लाने के लिए कटिबद्ध है।”
11.5 करोड़ की सहायता राशि का हस्तांतरण
बैठक में पंजीकृत लगभग 10 हजार श्रमिकों और उनके आश्रितों के लिए 11 करोड़ 50 लाख रुपये डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। सीएम धामी ने कहा कि यह केवल धनराशि नहीं, बल्कि श्रमिकों के प्रति सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि अब शिक्षा, स्वास्थ्य, विवाह सहायता और मृत्यु उपरांत सहायता जैसी योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से पारदर्शी तरीके से मिलेगा।
खनन विभाग की तारीफ — पारदर्शिता बनी उदाहरण
बैठक के अंत में सीएम ने खनन विभाग के प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि नई खनन नीति के कारण राज्य में राजस्व में अप्रत्याशित वृद्धि हुई और अन्य राज्यों के अधिकारी उत्तराखंड मॉडल को अपनाने के लिए अध्ययन कर रहे हैं।
श्रमिकों का सम्मान — सरकार की प्राथमिकता
अंत में सीएम ने कहा, “राज्य की प्रगति की नींव हमारे श्रमिकों की मेहनत पर टिकी है। पंजीकरण अभियान को प्राथमिकता दी जाए और कोई भी पात्र श्रमिक योजनाओं से वंचित न रहे।” यह प्रयास उत्तराखंड को एक “श्रम सम्मानित राज्य” (Labour Empowered State) बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।