उत्तराखंड

ऋषिकेश में बारिश का कहर, रंभा नदी उफान पर, घरों में घुसा पानी और सड़कों पर बाढ़

Rain havoc in Rishikesh, Rambha river in spate, water entered houses and flooded roads

उत्तराखंड के ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने शहर को आपदा जैसी स्थिति में पहुंचा दिया है। पहाड़ों में हो रही तेज बरसात का असर निचले इलाकों में दिखाई दे रहा है। रंभा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचने से शिवाजी नगर, एम्स के पास और चंद्रेश्वर नगर जैसे इलाकों में घरों के भीतर पानी भर गया। कई जगहों पर सड़कों पर नदी जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें।

नदियों का जलस्तर बढ़ा, पुल और रास्ते डूबे

तेज बारिश के कारण रंभा और चंद्रभागा नदी उफान पर हैं। नटराज चौक से ढालवाला के बीच का पुल कुछ समय के लिए चंद्रभागा नदी के तेज बहाव में डूब गया, जिससे यातायात रोकना पड़ा। 14 बीघा क्षेत्र में चंद्रभागा नदी के किनारे बना तटबंध करीब 50 मीटर तक बह गया, जिससे आसपास की बस्तियों पर खतरा मंडराने लगा है। मनसा देवी क्षेत्र में नदी का पानी भर गया है और रेलवे ट्रैक पर जलभराव हो गया है। श्यामपुर नटराज बाईपास मार्ग पर भी पानी का बहाव तेज बना हुआ है। रायवाला के पास सौंग नदी उफान पर है और गंगा नदी खतरे के निशान से सिर्फ एक मीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट का आरती स्थल गंगा में डूब चुका है।

राहत और बचाव कार्य में प्रशासन सक्रिय

बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन दल प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। कई स्थानों पर लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है। सिंचाई विभाग तटबंधों को मजबूत करने के लिए वायर क्रिएट और सैंडबैग लगाने का काम कर रहा है ताकि नदी के बहाव को रोका जा सके। प्रशासन ने गंगा और अन्य बरसाती नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

स्थानीय निवासियों की पीड़ा और मांग

स्थानीय लोगों ने बताया कि लगातार बारिश ने उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया है। घरों में पानी घुसने से खाने-पीने का सामान भी खराब हो गया है। पार्षद लव कंबोज ने कहा कि रंभा नदी के किनारे मजबूत तटबंध बनाने की मांग पहले भी की गई थी, लेकिन अनदेखी के कारण आज यह स्थिति पैदा हुई। लोग मुआवजे और तुरंत राहत की मांग कर रहे हैं।

अतिक्रमण बना मुख्य कारण

वार्ड नंबर 28 के लोगों का कहना है कि रंभा नदी के किनारे भूमाफियाओं ने अतिक्रमण कर प्राकृतिक बहाव को बाधित कर दिया है। नदी के किनारों को पाटकर किए गए निर्माण के चलते नदी का मार्ग संकरा हो गया है और उफान आने पर पानी घरों में घुस रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो भविष्य में और भी गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं।

प्रशासन के लिए बड़ी चेतावनी

विशेषज्ञों का मानना है कि प्राकृतिक नदियों के साथ छेड़छाड़ और लापरवाही भारी कीमत वसूल सकती है। अगर अतिक्रमण हटाने और नदी के प्राकृतिक बहाव को बहाल करने के लिए तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में आपदा का खतरा और बढ़ सकता है।

ऋषिकेश और आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति ने जहां लोगों को भयभीत कर दिया है, वहीं प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। भारी बारिश का यह सिलसिला जारी रहा तो हालात और गंभीर हो सकते हैं। राहत और बचाव कार्यों में तेजी और स्थायी समाधान अब समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

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