
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारतीय संविधान के शिल्पकार और महान समाज सुधारक बाबा साहेब के योगदान को याद किया और उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन समानता, संघर्ष और सामाजिक न्याय का प्रतीक है। उन्होंने अपने अद्वितीय प्रयासों से एक ऐसे भारत की नींव रखी, जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार और सम्मान मिले। उनके विचार और उनके आदर्श न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा हैं।”
संविधान निर्माण में अहम योगदान
मुख्यमंत्री धामी ने बाबा साहेब के संविधान निर्माण में उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय संविधान के माध्यम से सभी को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया। यह संविधान आज भी एक मजबूत और प्रगतिशील भारत के निर्माण की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के आदर्शों पर चलकर ही एक समतामूलक समाज की स्थापना की जा सकती है।
समतामूलक समाज निर्माण का संकल्प
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर समाज के सभी वर्गों से बाबा साहेब के दिखाए मार्ग पर चलने और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का जीवन यह सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी कैसे संघर्ष और दृढ़ संकल्प के माध्यम से सफलता प्राप्त की जा सकती है।
सामाजिक न्याय और समानता पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब का सपना था कि भारत एक ऐसा राष्ट्र बने, जहां हर नागरिक को समान अवसर मिले। हमें उनके आदर्शों पर चलते हुए सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने और समता आधारित समाज के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करना चाहिए।
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में कई गणमान्य व्यक्ति और सरकारी अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने बाबा साहेब को नमन करते हुए उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।