उत्तराखंड में मानसून का कहर, उत्तर भारत में सबसे ज्यादा बारिश वाला राज्य बना
Monsoon wreaks havoc in Uttarakhand, becomes the rainiest state in North India

तीन महीने में 1000 मिमी से ज्यादा बारिश
देहरादून: उत्तराखंड में इस साल मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है। 1 जून से अब तक राज्य में 1077.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 944.8 मिलीमीटर माना जाता है। यानी अब तक 14% ज्यादा बारिश हो चुकी है। अगस्त महीने में तो हालात और भी खराब रहे। इस महीने सामान्य से 39% ज्यादा 487 मिलीमीटर बारिश हुई, जिससे भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं तेजी से बढ़ीं।
पड़ोसी राज्य पिछड़े, उत्तराखंड सबसे आगे
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड उत्तर भारत का सबसे ज्यादा बारिश वाला राज्य रहा है। जहां हिमाचल प्रदेश में 775.01 मिमी और जम्मू-कश्मीर में 507 मिमी बारिश हुई, वहीं उत्तराखंड में यह आंकड़ा 1000 मिमी से पार हो गया। लद्दाख में तो केवल 74 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में भी उत्तराखंड जितनी बारिश कहीं नहीं हुई।
लैंडस्लाइड और बाढ़ ने बढ़ाई मुश्किलें
बारिश के साथ पहाड़ी जिलों में भूस्खलन और फ्लैश फ्लड लगातार मुसीबत बन रहे हैं। धराली और थराली जैसे क्षेत्रों में भारी नुकसान दर्ज किया गया है। जियोलॉजिस्ट मानते हैं कि हिमालयी क्षेत्र में कमजोर पहाड़ और मलबे पर बसी बस्तियां बड़ी आपदा की वजह बनती हैं। तेज बारिश ढलान से मलबा बहा ले जाती है और यह सीधे आबादी वाले इलाकों को प्रभावित करती है।
भूगोल और मौसम पैटर्न बने वजह
जियोलॉजिस्ट प्रो. डीके शाही बताते हैं कि उत्तराखंड की टोपोग्राफी इस तरह है कि पहाड़ों के बीच वादियों में नमी फंसकर भारी बारिश का कारण बनती है। वहीं मौसम विभाग के निदेशक सीएस तोमर का कहना है कि राज्य में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और स्थानीय कारक बारिश की स्थिति को और ज्यादा प्रभावी बनाते हैं। बड़े पैमाने पर वन क्षेत्र भी बारिश को अनुकूल माहौल देते हैं।
अनियोजित विकास पर उठे सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि प्राकृतिक कारकों के साथ-साथ अनियोजित विकास भी आपदा को बढ़ा रहा है। पहाड़ों को काटकर बनी सड़कें, ग्लेशियर क्षेत्र में अवैज्ञानिक निर्माण और ढलानों पर तेजी से बढ़ती आबादी बारिश की मार झेल रही है। यही वजह है कि उत्तराखंड में हर साल बारिश के मौसम में भारी जनहानि होती है।
नॉर्थ ईस्ट और केरल से हुई तुलना
हालांकि नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों और दक्षिण भारत के केरल में उत्तराखंड से भी ज्यादा बारिश होती है, लेकिन उत्तर भारत की बात करें तो उत्तराखंड सबसे ज्यादा बारिश वाला राज्य साबित हुआ है। यह स्थिति साफ दिखाती है कि राज्य को भविष्य की आपदाओं से बचाने के लिए मजबूत आपदा प्रबंधन और योजनाबद्ध विकास की जरूरत है।