
नई दिल्ली: केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अहम खबर है कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के टर्म ऑफ रिफरेंस (ToR) जल्द ही स्वीकृत होने की उम्मीद है। इससे केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच वेतन, पेंशन और भत्तों के पुनरीक्षण को लेकर बातचीत शुरू करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के वरिष्ठ सदस्यों ने इसकी पुष्टि की है कि सरकार जल्द ही टर्म ऑफ रिफरेंस को मंजूरी प्रदान कर देगी। एनसी-जेसीएम स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि ToR जल्द ही सरकार की मंजूरी प्राप्त कर लेगा और इसे जितनी जल्दी हो सके लागू किया जाना चाहिए।”
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर होगी चर्चा
जनवरी 2024 में सरकार ने कर्मचारियों से टर्म ऑफ रिफरेंस के मसौदे पर सुझाव मांगे थे। इस पर NC-JCM ने न्यूनतम मजदूरी, फिटमेंट फैक्टर और पेंशन से जुड़ी महत्वपूर्ण मांगें प्रस्तुत कीं। एनसी-जेसीएम का बड़ा प्रस्ताव है कि न्यूनतम मजदूरी को वर्तमान तीन यूनिट की जगह पांच यूनिट की परिवार की जरूरतों के आधार पर पुनर्निर्धारित किया जाए। इसमें आश्रित माता-पिता की देखभाल को भी शामिल किया गया है।
शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि 7वें वेतन आयोग के तहत अपनाई गई प्रणाली अब परिवार संरचना और आज की आवश्यकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती। उन्होंने कहा, “माता-पिता की देखभाल एक नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है, जैसा कि वरिष्ठ नागरिक संरक्षण अधिनियम, 2022 में भी उल्लेखित है।”
वेतनमान का सुधार और पेंशन में बढ़ोतरी की मांग
NC-JCM ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि अव्यवहार्य वेतनमानों का विलय किया जाए ताकि वेतन वृद्धि के मार्ग में आने वाली अड़चनें समाप्त हों। इसमें पे लेवल 1 को 2, लेवल 3 को 4 और लेवल 5 को 6 के साथ मिलाने की मांग शामिल है।
साथ ही, संसदीय सिफारिशों के अनुरूप हर पांच वर्ष में पेंशन में आवधिक वृद्धि, और महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन के साथ जोड़ने की मांग भी की गई है। यह प्रथा 5वें वेतन आयोग के समय लागू थी, लेकिन बाद में बंद कर दी गई। फिलहाल, मार्च 2024 में DA 55 प्रतिशत हो चुका है। मुद्रास्फीति को देखते हुए इसे मूल वेतन में जोड़ने की मांग फिर से उठ रही है ताकि पेंशनधारियों की क्रय शक्ति बनी रहे।
आयोग का गठन और लागू होने की संभावित तिथि
8वें केंद्रीय वेतन आयोग को जनवरी 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन आयोग का गठन अभी तक नहीं हुआ है। प्रारंभिक अनुमान है कि यह आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, लेकिन पैनल के गठन और ToR को अंतिम रूप देने में हो रही देरी के कारण यह प्रक्रिया संभवतः 2027 तक स्थगित हो सकती है।
वेतन आयोग हर दस साल में एक बार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन व भत्तों का पुनरीक्षण करता है। देश में एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों पर इसका व्यापक प्रभाव होता है।
8वें केंद्रीय वेतन आयोग के टर्म ऑफ रिफरेंस की मंजूरी से कर्मचारियों की लंबित मांगों पर चर्चा का मार्ग प्रशस्त होगा। न्यूनतम वेतन, पेंशन में वृद्धि और वेतन स्तरों के सुधार जैसे विषय इस बातचीत का केंद्र रहेंगे। कर्मचारियों और केंद्र के बीच सकारात्मक वार्ता से वेतन सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं।