उत्तराखंड

सितारगंज में बरसाती नदियों का कहर: भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, प्रशासन अलर्ट पर

The havoc of rainy rivers in Sitarganj: Flood-like situation due to heavy rains, administration on alert

सितारगंज (उधम सिंह नगर): पहाड़ों में देर रात से जारी मूसलाधार बारिश का असर अब तराई क्षेत्र में साफ दिखाई दे रहा है। उधम सिंह नगर जिले के सितारगंज और आसपास के इलाकों में बहने वाली नदियां और नाले उफान पर हैं। कई निचले इलाकों में पानी घुसने से जनजीवन प्रभावित हो गया है। सितारगंज को शक्ति फार्म से जोड़ने वाले लक्खा पुल के ऊपर से नहर का तेज बहाव गुजर रहा है, जिसे खतरे का संकेत माना जा रहा है। कई ग्रामीण पानी में फंस गए हैं, जिन्हें निकालने के लिए एसडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें लगातार राहत-बचाव कार्य कर रही हैं।

नदियों का बढ़ता जलस्तर

गुरुवार को सितारगंज तहसील में बैगुल और सूखी नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने से हालात बिगड़ गए। अरविंद नगर, शक्तिफार्म नंबर 9, लोका, गौठा, नकहा, बमनपुरी, झाड़ी गांव और सिसौना सहित कई इलाकों में पानी भर गया। कैलाश नदी के उफान ने गौरी खेड़ा, बिज्टी पटिया, कल्याणपुर, थारूतिशोर, तुर्कातिसौर, नकुलिया, साधूनगर, चीकाघाट, करघटिया, पिंडारी और सैजना गांवों में भी जलभराव का खतरा बढ़ा दिया है।

लक्खा पुल बना संवेदनशील बिंदु

सूखी नदी पर बना लक्खा पुल इस समय सबसे अधिक चिंता का विषय है। पुल के ऊपर से पानी का बहाव जारी है, जिससे आवागमन बाधित होने का खतरा है। प्रशासन ने यहां लोगों के जाने पर रोक लगा दी है और सभी को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।

राहत-बचाव कार्य में जुटा प्रशासन

एसडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं। अब तक किसी जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है, लेकिन जलस्तर में लगातार वृद्धि प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है। अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों को खतरे से बचने के लिए सचेत कर रहे हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग पहले ही चेतावनी जारी कर चुका है कि 15 अगस्त तक गढ़वाल और कुमाऊं के कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पहले से अलर्ट पर था। जैसे ही किसी इलाके में पानी भरने की सूचना मिल रही है, तुरंत रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच रही हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रभावित लोग

जहां-जहां पानी भर गया है, वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। राहत दल नावों और ट्रैक्टरों के जरिए ग्रामीणों को निकाल रहे हैं। बुजुर्गों और बच्चों को पहले प्राथमिकता देकर शिफ्ट किया जा रहा है।

लोगों की बढ़ी मुश्किलें

पानी में घिरे क्षेत्रों में पेयजल और राशन की समस्या खड़ी हो गई है। कई जगह बिजली आपूर्ति भी बाधित है। किसानों के खेतों में पानी भरने से धान और मक्का की फसलें खराब होने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।

प्रशासन की अपील

जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत स्थानीय अधिकारियों या राहत दल को सूचित करें। साथ ही बच्चों और बुजुर्गों को पानी भरे क्षेत्रों में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।

सितारगंज में बरसाती नदियों का यह रौद्र रूप एक बार फिर मानसून के दौरान तराई और मैदानी इलाकों में बाढ़ के खतरे की गंभीरता को दर्शाता है। समय पर की जा रही कार्रवाई और लोगों की सतर्कता से प्रशासन बड़े नुकसान को रोकने की कोशिश में जुटा है।

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