पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मंजूरी पर त्रिवेंद्र रावत के घर जश्न, पूर्व सीएम बोले – युवाओं का हितैषी हूँ
Celebrations at Trivendra Rawat's home after approval of CBI probe into paper leak case, former CM says, "I am a well-wisher of the youth."

देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक और बेरोजगार युवाओं के आंदोलन के मामले में सियासी हलचल तेज हो गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति दी, जिसके तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर जश्न जैसा माहौल देखने को मिला। ढोल-नगाड़ों के साथ आतिशबाजी की गई और त्रिवेंद्र रावत की जय-जयकार होने लगी।
त्रिवेंद्र रावत ने बताया खुशी का कारण
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने उनकी सलाह को मानकर पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मंजूरी दी है। उन्होंने सरकार और मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया और कहा कि तीन दिन पहले उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच का समर्थन किया था, जिसे अब मान लिया गया है।
त्रिवेंद्र ने युवाओं का हितैषी होने का दावा करते हुए कहा कि इस आंदोलन में केवल परीक्षा देने वाले छात्र ही नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड के लोग, युवा और बुजुर्ग भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनभावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है और युवा राज्य का भविष्य हैं।
जिहाद और सनातन विरोध के आरोपों को ठुकराया
पूर्व मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारी युवाओं पर लगाए गए जिहाद, सनातन विरोध और राष्ट्र विरोध जैसे आरोपों को सिरे से नकारा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उत्तराखंड के किसी भी युवा पर इन तीनों आरोपों का सवाल ही नहीं उठता। चाहे राष्ट्र सेवा, सनातन सेवा या पर्यावरण सेवा हो, उत्तराखंड के लोग इन सभी कार्यों में आगे हैं।
युवा भावना और गलतफहमी
त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि आंदोलन के दौरान कुछ बयानों से गलतफहमी पैदा हो सकती है। युवा भावनाओं में रहते हैं और कई बार शब्द उनके नहीं होते, लेकिन यह स्थायी स्वभाव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी युवा राज्य के अपने बच्चे हैं और उनके साथ हमें माता-पिता जैसी जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।
सीबीआई जांच और परीक्षाओं का भविष्य
पूर्व सीएम ने कहा कि सीबीआई जांच के कारण परीक्षाएं नहीं रुकतीं। यह केवल विशिष्ट मामले की जांच है और इसे सरकार तेज गति से पूरा कर सकती है। जांच के बाद छात्रों का भरोसा आयोग पर फिर से लौटाया जा सकता है।
त्रिवेंद्र रावत का यह बयान युवाओं के बीच उत्साह और विश्वास बढ़ाने वाला माना जा रहा है। उनके अनुसार, आंदोलन में शामिल सभी बच्चे राज्य और समाज के हित में कार्य कर रहे हैं और उनकी भावनाओं का सम्मान करना हर नागरिक का दायित्व है।