स्विगी ने बढ़ाई प्लेटफॉर्म फीस, ग्राहकों पर बढ़ा 17% अतिरिक्त बोझ
Swiggy increased platform fees, 17% additional burden on customers

नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Swiggy ने ग्राहकों के लिए प्लेटफॉर्म फीस में इजाफा करने का ऐलान किया है। अब हर ऑर्डर पर ग्राहकों को ₹14 शुल्क देना होगा, जो पहले ₹12 था। यह बढ़ोतरी करीब 17% की है। कंपनी का यह कदम त्योहारी सीजन में बढ़ते ऑर्डरों और प्रति ऑर्डर मुनाफे को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
प्लेटफॉर्म फीस का सफर
स्विगी ने अप्रैल 2023 में पहली बार प्लेटफॉर्म फीस लागू की थी। शुरुआत में यह केवल ₹2 थी। धीरे-धीरे इस फीस में बढ़ोतरी होती रही और पिछले नए साल की पूर्व संध्या पर इसे ₹12 तक कर दिया गया। कंपनी का कहना है कि यह कदम उसके unit economics यानी प्रति ऑर्डर होने वाले खर्च और मुनाफे को संतुलित करने के लिए आवश्यक है। रिपोर्टों के अनुसार, फीस बढ़ने के बावजूद अब तक ऑर्डर वॉल्यूम पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है।
कंपनी की संभावित अतिरिक्त आय
स्विगी हर दिन लगभग 20 लाख से अधिक ऑर्डर डिलीवर करती है। नए शुल्क के अनुसार, कंपनी को प्रतिदिन लगभग 2.8 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। अनुमान है कि हर तिमाही में यह आंकड़ा 8.4 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा, जबकि सालाना करीब 33.6 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम कंपनी की वित्तीय स्थिति सुधारने में सहायक साबित हो सकता है।
त्योहारी सीजन और फीस संरचना
त्योहारों के दौरान फूड डिलीवरी कंपनियों को ऑर्डरों की बाढ़ का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कंपनियां प्लेटफॉर्म फीस में अस्थायी बढ़ोतरी कर देती हैं। Swiggy और उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी Zomato दोनों पहले भी इस तरह के प्रयोग कर चुकी हैं। अगर फीस बढ़ने के बावजूद ऑर्डरों की संख्या प्रभावित नहीं होती, तो कंपनियां इसे स्थायी रूप से बनाए रखती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गैर-त्योहारी सीजन में स्विगी यह फीस वापस ₹12 कर सकती है।
वित्तीय स्थिति और चुनौतियां
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में स्विगी को 96% अधिक नेट लॉस झेलना पड़ा। कंपनी का घाटा बढ़कर ₹1,197 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह ₹611 करोड़ था। यह नुकसान मुख्य रूप से कंपनी की क्विक कॉमर्स यूनिट Instamart में भारी निवेश के कारण हुआ।
हालांकि, राजस्व के मोर्चे पर कंपनी ने मजबूती दिखाई है। ऑपरेशन से स्विगी का रेवेन्यू 54% बढ़कर ₹4,961 करोड़ हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में ₹3,222 करोड़ था। दूसरी ओर, जोमैटो ने इसी तिमाही में ₹25 करोड़ का मुनाफा कमाया और उसकी आय 70.4% बढ़कर ₹7,167 करोड़ तक पहुंच गई।
विशेषज्ञ मानते हैं कि प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी स्विगी की लाभप्रदता सुधारने की रणनीति है। बढ़ी हुई आय से न केवल कंपनी को अपने घाटे को पाटने में मदद मिलेगी, बल्कि फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स मार्केट में जोमैटो जैसी कंपनियों से मुकाबला करने की क्षमता भी मजबूत होगी। ग्राहकों के लिए यह अतिरिक्त बोझ जरूर है, लेकिन लंबे समय में यह कदम कंपनी के अस्तित्व और विस्तार के लिए अहम साबित हो सकता है।