
विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में हड़कंप
मुंबई: भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारी बिकवाली जारी है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले दो महीनों में FPI ने भारतीय इक्विटी से 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक निकाले हैं।
फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये की बिकवाली
- फरवरी 2025 में FPI ने 34,574 करोड़ रुपये की भारतीय इक्विटी बेच दी।
- जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की भारी निकासी दर्ज की गई थी।
- इससे पहले, दिसंबर 2024 में FPI ने भारतीय इक्विटी में 15,446 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
2024 का अंत सकारात्मक, लेकिन 2025 की शुरुआत में भारी गिरावट
हालांकि वर्ष 2024 का अंत सकारात्मक रहा, लेकिन FPI द्वारा शुद्ध खरीद में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ गया।
बाजार में गिरावट के पीछे क्या कारण हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, FPI की इस बिकवाली के पीछे कई बड़े कारण हैं:
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं
- अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि
- घरेलू आर्थिक कारकों को लेकर चिंताएं
- बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव
शेयर बाजार पर भारी असर, सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
- सेंसेक्स में एक सप्ताह में 2,100 अंकों की गिरावट देखी गई।
- निफ्टी 50 इस अवधि में 671.2 अंक फिसल गया।
- 1 जनवरी से अब तक सेंसेक्स 5,300 अंकों से अधिक लुढ़क चुका है।
- निफ्टी 50 भी 1,600 अंकों की गिरावट दर्ज कर चुका है।
बाजार सहभागियों की बढ़ी चिंता
लगातार हो रही बिकवाली से बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है, जिससे निवेशकों की चिंता गहरा गई है। अगर विदेशी निवेशकों की यह बिकवाली जारी रही, तो भारतीय शेयर बाजार को निकट भविष्य में और अधिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।