नई दिल्ली : दिल्ली वक्फ बोर्ड ने हाल ही में छह मंदिरों पर अपना दावा ठोका है, जिनके बारे में उनका कहना है कि ये संपत्तियां ऐतिहासिक रूप से वक्फ की हैं और उन्हें वक्फ संपत्तियों के रूप में पंजीकृत किया गया है। हालांकि, इस दावे के बाद विवाद पैदा हो गया है, क्योंकि ये मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं और स्थानीय समुदाय से गहराई से जुड़े हुए हैं।
मंदिरों के प्रबंधक और स्थानीय लोग इस दावे का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वे इन्हें सदियों से पूजा स्थल मानते आए हैं। वक्फ बोर्ड का कहना है कि ये संपत्तियां उनके रिकॉर्ड के अनुसार वक्फ की मानी जाती हैं, लेकिन स्थानीय समुदाय और धार्मिक संगठनों का तर्क है कि ये मंदिर हमेशा से हिंदू धर्म का हिस्सा रहे हैं।
यह मामला अब कानूनी दांवपेंच में फंसा हुआ है, जहां अदालत तय करेगी कि इन संपत्तियों का स्वामित्व किसके पास होना चाहिए। विवाद की यह स्थिति धार्मिक और कानूनी दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।