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उत्तराखंड में मौसम का कहर: बेरीनाग सहित कई जिलों में ओलावृष्टि, फसलें तबाह

Weather havoc in Uttarakhand: Hailstorm in many districts including Berinag, crops destroyed

बेरीनाग में अचानक बदला मौसम, दिन में छाया अंधेरा

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग क्षेत्र में मंगलवार दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली। आसमान में काले बादल छा गए और कुछ ही पलों में दिन में ही अंधेरा छा गया। हालत ऐसी हो गई कि वाहन चालकों को दिन में हेडलाइट्स जलाकर चलना पड़ा। यहां तक कि सोलर लाइटें भी खुद-ब-खुद जल उठीं। स्थानीय निवासी 85 वर्षीय हयात सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार दिन में इतना घना अंधेरा देखा है। उन्होंने इसे भविष्य के लिए चिंताजनक संकेत बताया।

एक घंटे तक मूसलधार बारिश और भारी ओलावृष्टि

बेरीनाग नगर और आसपास के ग्रामीण इलाकों — उडियारी, कांडे किरौली, चौकोड़ी और देवीनगर — में करीब एक घंटे तक मूसलधार बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि हुई। ओलों की मात्रा इतनी अधिक थी कि जमीन सफेद चादर से ढकी नजर आई, मानो बर्फबारी हुई हो। मौसम का यह कहर न केवल लोगों को हैरान कर गया बल्कि किसानों की मेहनत पर भी पानी फेर गया।

फसल और सब्जियां पूरी तरह बर्बाद, किसानों में हाहाकार

पूर्व ग्राम प्रधान किशन लाल शाह, उडियारी की प्रशासक दीपा देवी और सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र सिंह कार्की ने बताया कि गेहूं समेत कई फसलें पककर तैयार थीं। अचानक हुई इस ओलावृष्टि से फसलें और हरी सब्जियां पूरी तरह तबाह हो गईं। उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि लंबे समय तक चली, जिससे भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।

अन्य जिलों में भी कहर, मौसम विभाग की भविष्यवाणी हुई सच

बेरीनाग के अलावा उत्तरकाशी, बागेश्वर और टिहरी जिलों में भी भारी बारिश और ओलावृष्टि दर्ज की गई। इन इलाकों में भी किसान और बागवानों को फसलों और बागानों में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। मौसम विभाग ने पहले ही उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में हल्की से भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी दी थी, जो सटीक साबित हुई।

मुआवजे की उठी मांग, प्रशासन से जल्द राहत की अपेक्षा

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से आग्रह किया है कि प्रभावित क्षेत्रों का शीघ्र सर्वे कर किसानों को यथाशीघ्र राहत और मुआवजा प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से छोटे किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और तत्काल सहायता की आवश्यकता है।

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