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देहरादून समेत उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश, मौसम विभाग का येलो अलर्ट जारी

Heavy rain in many districts of Uttarakhand including Dehradun, Meteorological Department issued yellow alert

उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और इसका असर राज्य के कई हिस्सों में देखने को मिल रहा है। शनिवार को देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में जोरदार बारिश हुई, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने पहले ही इन क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी किया था और आने वाले 24 घंटों में भी इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना जताई है।

देहरादून में बदला मौसम का मिजाज

शनिवार सुबह देहरादून में तेज धूप निकली थी, लेकिन दोपहर होते-होते बादलों ने डेरा जमा लिया और अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। इस बारिश से शहर का तापमान 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। हालांकि, तेज बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव और यातायात बाधित होने की स्थिति भी देखने को मिली।

मौसम विभाग ने दी चेतावनी

मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को ही चेतावनी जारी करते हुए राज्य के पांच जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई थी। विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी थी। खासतौर पर पर्वतीय इलाकों में तेज हवाओं और बिजली गिरने का भी खतरा बना हुआ है।

प्रशासन और विभाग अलर्ट मोड पर

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा है। लोक निर्माण विभाग (PWD) और आपदा प्रबंधन विभाग को संवेदनशील क्षेत्रों में नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जेसीबी मशीनों और कर्मचारियों को पहले से तैनात किया गया है ताकि रास्ता अवरुद्ध होने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

मानसून से किसानों को राहत

बारिश से जहां एक ओर शहरी क्षेत्रों में कुछ असुविधा हुई, वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरों पर खुशी देखने को मिली है। लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे किसान अब खेतों में बुआई की तैयारी में जुट गए हैं। वर्षा जल सिंचाई का मुख्य स्रोत होने के कारण यह बारिश खेती के लिए बेहद जरूरी मानी जा रही है।

उत्तराखंड में मानसून ने पूरी तरह दस्तक दे दी है और अब राज्य के अधिकांश हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। हालांकि यह राहतदायक है, लेकिन प्रशासन और जनता दोनों को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है ताकि प्राकृतिक आपदाओं से बचा जा सके।

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