चारधाम शीतकालीन यात्रा 2024-25 रही ऐतिहासिक, 77 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
Chardham Winter Yatra 2024-25 was historic, more than 77 thousand devotees visited

देहरादून: चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ हो चुका है, लेकिन इससे पहले शीतकालीन यात्रा 2024-25 ऐतिहासिक उपलब्धि साबित हुई। इस बार शीतकाल में 77,093 श्रद्धालुओं ने चारधाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर दर्शन किए, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या मानी जा रही है। इस सफलता को देखते हुए राज्य सरकार अब बारहों मास चारधाम यात्रा के संचालन की योजना पर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से बढ़ा उत्साह
शीतकालीन यात्रा को व्यापक प्रचार मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 मार्च 2025 को गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा (मुखीमठ) में दर्शन किए। उनके दौरे के बाद देशभर में शीतकालीन यात्रा को लेकर उत्साह देखने को मिला, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई।
चारधाम प्रवास स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या
- केदारनाथ (ऊखीमठ – ओंकारेश्वर मंदिर): 31,907
- बदरीनाथ (पांडुकेश्वर): 25,950
- गंगोत्री (मुखबा): 16,269
- यमुनोत्री (खरसाली): 2,967
चारधाम के कपाट बंद होने के बाद नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच यह यात्रा संचालित हुई, जिसमें इन सभी प्रवास स्थलों पर श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
GMVN को हुआ भारी लाभ
गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) को भी इस यात्रा से बड़ा आर्थिक लाभ हुआ। केवल चार महीनों में GMVN को 12.82 करोड़ रुपये की बुकिंग प्राप्त हुई, जो अब तक के रिकॉर्ड में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
एडवेंचर टूरिज्म से जोड़ा जाएगा शीतकालीन यात्रा सर्किट
GMVN अब शीतकालीन यात्रा को और प्रभावी बनाने के लिए इसे एडवेंचर टूरिज्म के साथ जोड़ने की योजना बना रहा है। औली में विंटर टूरिज्म से 2024-25 में करीब 1.5 करोड़ रुपये की आय हुई, और स्कीइंग के 55 पैकेज बुक किए गए। इन आंकड़ों को देखते हुए धार्मिक और साहसिक पर्यटन को एकीकृत कर शीतकालीन सर्किट बनाया जाएगा।
सरकार की दीर्घकालिक योजना
राज्य सरकार की योजना है कि चारधाम यात्रा अब केवल गर्मियों तक सीमित न रहे, बल्कि पूरे वर्ष भर पर्यटक धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों का आनंद ले सकें। इससे उत्तराखंड में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।