गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्रों का गुस्सा फूटा, कुलपति कार्यालय का घेराव
Students' anger erupted in Garhwal University, Vice Chancellor's office surrounded

श्रीनगर गढ़वाल: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (HNBGU) में बीएससी और बीए पाठ्यक्रमों की सीटों में 40 प्रतिशत कटौती ने छात्रों का आक्रोश भड़का दिया है। इसके साथ ही परिवहन और छात्रावास में मूलभूत सुविधाओं की कमी ने हालात और तनावपूर्ण बना दिए हैं। सोमवार से धरने पर बैठे छात्र मंगलवार को कुलपति कार्यालय तक पहुँच गए और नारेबाजी करते हुए प्रबंधन के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया।
धरने का नेतृत्व और टकराव
पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित रावत, जय हो छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष आयुष मियां और छात्र नेता बिरेंद्र सिंह नेगी ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया। छात्रों ने कुलपति से वार्ता की मांग रखी, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने सचिवालय के अंदर जाने से रोक दिया। इससे नाराज छात्र वहीं धरने पर बैठ गए और साफ कहा कि कुलपति से सीधी बातचीत होने तक विरोध जारी रहेगा।
पांच सूत्रीय मांगें
छात्र प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति प्रो. प्रकाश सिंह को ज्ञापन सौंपा, जिसमें पाँच मुख्य मांगों पर तुरंत कार्रवाई की अपील की गई।
- सीट कटौती का विरोध – बीएससी और बीए की सीटों में की गई 40% कटौती को छात्रों ने अलोकतांत्रिक बताया। उनका कहना है कि इससे हजारों विद्यार्थियों का दाखिला प्रभावित होगा। छात्रों ने पुरानी व्यवस्था लागू करने की माँग की।
- ई-रिक्शा सेवा की मांग – चौरास परिसर में पढ़ने वाले छात्रों ने परिवहन की गंभीर समस्या उठाई। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय को अपने स्तर से कम से कम 10 ई-रिक्शा तत्काल उपलब्ध कराने चाहिए।
- श्रीकोट से बस सेवा बहाल – छात्रों ने याद दिलाया कि पहले विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से श्रीकोट से छात्रों के लिए बस चलाई जाती थी, लेकिन वर्षों से यह बंद है। इसे दोबारा शुरू करने पर ज़ोर दिया गया।
- महिला स्वास्थ्य सेवाएँ – छात्र नेताओं ने मांग की कि छात्रावासों में महिला डॉक्टर और फार्मासिस्ट की नियुक्ति तत्काल की जाए। साथ ही छात्राओं की सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए जाएँ।
- छात्र हितों की अनदेखी बंद हो – छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार उनकी बुनियादी जरूरतों को नज़रअंदाज़ कर रहा है। यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन और उग्र होगा।
बढ़ता तनाव और चेतावनी
धरने पर बैठे छात्र पूरे दिन नारे लगाते रहे। माहौल इस कदर तनावपूर्ण हो गया कि सचिवालय के बाहर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ानी पड़ी। छात्र नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन का दायरा और बड़ा किया जाएगा।
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में सीटों की कटौती और सुविधाओं की कमी ने विद्यार्थियों को सड़क पर उतरने पर मजबूर कर दिया है। छात्रों का कहना है कि शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अब देखना होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस आंदोलन का समाधान बातचीत से करता है या विवाद और गहराता है।