
देहरादून, 6 जून 2025: उत्तराखंड सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और विकास की गति को तेज करने के लिए एक नई पहल की दिशा में कदम बढ़ा रही है। विदेशी परामर्श कंपनी मैकिंजी के साथ समझौते की अवधि समाप्त होने के बाद, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय रणनीतिक सलाहकार समिति (Strategic Advisory Committee) का गठन किया है। इस समिति का उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति को नई दिशा देना, निवेश को प्रोत्साहित करना और अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना है।
राज्यपाल की मंजूरी के बाद गठन आदेश जारी
नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम की ओर से समिति के गठन का आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के अनुसार, समिति राज्य की मौजूदा आर्थिक संरचना का विश्लेषण कर, श्रम आधारित उत्पादन को बढ़ाने, घरेलू मांग के विस्तार, बचत और निवेश को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर कार्य करेगी। राज्यपाल द्वारा इस समिति के गठन को स्वीकृति मिल चुकी है।
समिति में शामिल होंगे अनुभवी सदस्य
मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली इस समिति में मुख्य सचिव और नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव पदेन सदस्य होंगे। इनके अलावा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी इन्दु कुमार पांडेय और डॉ. राकेश कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ और सेतु आयोग के सीईओ को पदेन सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री की अनुमति से तीन और सदस्यों को नामित किया जा सकता है।
विशेषज्ञ समिति को मिलेगा सीमित मानदेय
समिति का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर मुख्यमंत्री की स्वीकृति से दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। जो सदस्य वर्तमान में केंद्र या राज्य सरकार में सेवायोजित हैं, उन्हें कोई अतिरिक्त मानदेय नहीं मिलेगा। अन्य सदस्यों को प्रत्येक बैठक के लिए ₹25,000 का मानदेय दिया जाएगा। यदि किसी सदस्य को यात्रा करनी पड़ती है, तो उन्हें सचिव स्तर के अधिकारियों के अनुसार यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा।
प्रमुख दायित्व होंगे योजनाओं और परियोजनाओं का गठन
इस सलाहकार समिति को उत्तराखंड की सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) की वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियाँ तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समिति विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, आयुष और आधारभूत संरचना पर केंद्रित योजनाओं को चिन्हित कर उनके प्रभावी कार्यान्वयन और समन्वय की रणनीति बनाएगी। साथ ही दो वर्षों के भीतर वांछित सुधारों के लिए विभागों के साथ मिलकर जरूरी हस्तक्षेप सुनिश्चित किए जाएंगे।
मुख्य सचिव करेंगे समिति की अध्यक्षता, यदि मुख्यमंत्री मौजूद न हों
यदि किसी बैठक में मुख्यमंत्री अनुपस्थित रहते हैं, तो उस बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। वहीं, यदि चुनावी आचार संहिता लागू हो, तो समिति की अध्यक्षता आयु में सबसे वरिष्ठ सदस्य द्वारा की जाएगी।
यह पहल उत्तराखंड को एक आर्थिक रूप से सशक्त राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसमें रणनीतिक सोच, विशेषज्ञता और स्थायी विकास के लक्ष्य को प्राथमिकता दी जा रही है।