
भारत पर संभावित अमेरिकी टैरिफ को अस्थायी रूप से टालने के फैसले का भारतीय शेयर बाजार पर सकारात्मक असर देखने को मिला। मंगलवार को शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई, जिससे प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने नई ऊंचाइयों को छू लिया। इस फैसले को वैश्विक निवेशकों ने सकारात्मक संकेत के रूप में देखा, जिससे बाजार में उत्साह का माहौल बन गया।
एफपीआई की वापसी से मिला संबल
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारतीय बाजार में वापसी इस रैली का एक महत्वपूर्ण कारण रही। बीते कुछ हफ्तों से एफपीआई लगातार बिकवाली कर रहे थे, लेकिन अमेरिका के इस निर्णय के बाद निवेशकों का रुख बदल गया। टैरिफ को टालने से वैश्विक व्यापारिक संबंधों में स्थिरता की उम्मीद बढ़ी है, जिससे एफपीआई का विश्वास फिर से बहाल होता दिखा।
रुपये की मजबूती ने दी अतिरिक्त ऊर्जा
शेयर बाजार में तेजी का एक अन्य कारण रुपये की मजबूती रही। डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ, जिससे आयात सस्ते हुए और कंपनियों के लाभ में संभावित वृद्धि की उम्मीदें जगीं। खासकर तेल आयातक कंपनियों और एफएमसीजी सेक्टर को इस लाभ का सीधा फायदा मिला, जिससे इन शेयरों में उल्लेखनीय तेजी देखी गई।
सेक्टोरल तेजी ने किया बाजार को सपोर्ट
बाजार की यह तेजी केवल चंद कंपनियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह सेक्टोरल स्तर पर व्यापक रही। ऑटो, आईटी, बैंकिंग, फार्मा और मेटल सेक्टर्स में मजबूती देखी गई। खासकर ऑटो सेक्टर में घरेलू मांग और निर्यात बढ़ने की उम्मीदों ने तेजी को गति दी। बैंकिंग सेक्टर को भी एफपीआई निवेश और ब्याज दरों में स्थिरता से बल मिला।
निवेशकों का मनोबल बढ़ा
अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में नरमी और व्यापारिक तनावों में कमी से निवेशकों का मनोबल भी ऊँचा रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह सकारात्मक रुख बरकरार रहता है, तो भारतीय शेयर बाजार आने वाले दिनों में और नई ऊँचाइयाँ छू सकता है। निवेशकों के लिए यह एक भरोसेमंद संकेत है कि भारत की आर्थिक नीतियाँ वैश्विक स्तर पर स्थिरता और सहयोग की दिशा में अग्रसर हैं।