चैत्र नवरात्रि 2025: देवी मां आएंगी हाथी पर सवार, जानें भारत के 5 प्रसिद्ध शक्ति मंदिर
Chaitra Navratri 2025: Goddess Mother will come riding on an elephant, know 5 famous Shakti temples of India

इस साल चैत्र नवरात्रि में खास संयोग, अष्टमी और नवमी एक साथ
हर साल की तरह इस साल भी चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू हो रही है। 30 मार्च 2025 से 6 अप्रैल 2025 तक चलने वाले इस पावन पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी। खास बात यह है कि इस बार मां दुर्गा शेर पर नहीं बल्कि हाथी पर सवार होकर आएंगी। हिंदू धर्म में हाथी को समृद्धि, सौभाग्य और धैर्य का प्रतीक माना जाता है।
नवरात्रि के दौरान देशभर के देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। अगर आप भी मां के दर्शन करना चाहते हैं, तो हम आपको 5 प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।
1. माता वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
उत्तर भारत के सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में से एक माता वैष्णो देवी मंदिर जम्मू के कटरा में स्थित है। यह मंदिर भारत का दूसरा सबसे अधिक दर्शन किया जाने वाला धार्मिक स्थल है। मान्यता है कि माता के दर्शन केवल उन्हीं भक्तों को नसीब होते हैं, जिन्हें मां वैष्णो स्वयं बुलाती हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
2. चामुंडा माता मंदिर, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित चामुंडा माता मंदिर को चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह देवी दुर्गा के चामुंडा रूप को समर्पित है। मंदिर में देवी की प्रतिमा को लाल और काले रंग के वस्त्रों से सजाया जाता है और नींबू की माला भी चढ़ाई जाती है। गर्भगृह के द्वार पर हनुमान और भैरव की मूर्तियां स्थित हैं, जो देवी के द्वारपाल माने जाते हैं। नवरात्रि में इस मंदिर के दर्शन का विशेष महत्व है।
3. कामाख्या मंदिर, असम
गुवाहाटी से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कामाख्या मंदिर भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर तांत्रिक उपासकों और हिंदू भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि भगवान शिव की पत्नी सती का गर्भाशय इसी स्थान पर गिरा था। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा होती है और ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में माता के दर्शन करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
4. दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
कोलकाता के दक्षिणेश्वर क्षेत्र में स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर का बहुत बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। यह हुगली नदी के किनारे स्थित है और यहां देवी भवतारिणी की पूजा की जाती है। मंदिर में द्वादश शिव मंदिर और विष्णु मंदिर भी हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशाल भजन संध्या और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
5. अंबाजी मंदिर, गुजरात
गुजरात में स्थित अंबाजी मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और पूर्व-वैदिक काल से देवी की पूजा का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। भादरवी पूर्णिमा पर यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु पैदल यात्रा कर माता के दर्शन करने आते हैं। नवरात्रि में यहां गरबा और भवई रंगमंच का आयोजन होता है, जिससे पूरा वातावरण भक्ति में रंग जाता है।
नवरात्रि का महत्व और मंदिरों की महिमा
नवरात्रि का पर्व शक्ति उपासना का सबसे बड़ा त्योहार है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन पांच शक्तिपीठों में नवरात्रि के दौरान दर्शन करने से सुख, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यदि आप इस नवरात्रि में माता के आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक बदलाव चाहते हैं, तो इन पावन स्थलों के दर्शन अवश्य करें।