उत्तराखंड के जिला व उपजिला अस्पतालों में बढ़ेंगी विशेषज्ञ सेवाएं: मुख्य सचिव के निर्देश
Specialist services will increase in district and sub-district hospitals of Uttarakhand: Chief Secretary's instructions

देहरादून, 1 अगस्त 2025 – उत्तराखंड सरकार प्रदेश के अस्पतालों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी क्रम में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और प्रदेश के सभी जिला एवं उपजिला चिकित्सालयों में आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की अनिवार्य तैनाती
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अब प्रत्येक जिला एवं उपजिला अस्पताल में चिकित्सक, शल्य चिकित्सक (सर्जन), स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ एवं रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती अनिवार्य रूप से की जाएगी। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि आम जनता को छोटे स्तर पर ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें और उन्हें बड़े अस्पतालों में रेफर न किया जाए।
इसके साथ ही उन्होंने सभी अस्पतालों में नवजात शिशु इकाइयों जैसे NICU (Newborn Intensive Care Unit), SNCU (Special Newborn Care Unit) और PICU (Pediatric Intensive Care Unit) जैसी जरूरी सेवाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
दूरस्थ CHC को भी मिलेगा बेहतर स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि प्रदेश के उन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को भी आवश्यक मेडिकल स्टाफ और तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जहां मरीजों की संख्या अधिक है या जो भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम क्षेत्रों में स्थित हैं। इन केंद्रों पर भी न्यूनतम रूप से फिजिशियन, सर्जन, स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ सहित रेडियोलॉजिस्ट और प्रशिक्षित तकनीशियन तैनात किए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने दी वर्तमान स्थिति की जानकारी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बैठक में बताया कि प्रदेश के जिला और उपजिला अस्पतालों में चिकित्सकों और विशेषज्ञों की तैनाती और उपकरणों की उपलब्धता को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न स्तरों पर रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया भी चल रही है, जिससे जल्द ही अस्पतालों में सेवाओं में और सुधार होगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा और निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना भी उपस्थित रहे। दोनों अधिकारियों ने अस्पतालों की अवस्थिति और आवश्यक संसाधनों की पूर्ति से संबंधित बिंदुओं पर मुख्य सचिव को अवगत कराया।