
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मॉनसून की दस्तक के साथ ही भारी बारिश का सिलसिला जारी है। टिहरी गढ़वाल समेत कई इलाकों में तेज बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। लगातार बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे सड़क मार्ग बाधित हो गए हैं और लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
भूस्खलन से नरेंद्रनगर बाईपास मार्ग बंद
टिहरी जिले में नरेंद्रनगर बाईपास मार्ग पर भारी भूस्खलन की वजह से आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। लगातार गिरते पत्थरों के चलते मार्ग को बंद कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो। इसके अलावा नरेंद्रनगर से रानीपोखरी को जोड़ने वाला गुजराड़ा मोटर मार्ग भी पत्थर गिरने की घटनाओं के चलते जोखिम भरा हो गया है। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है।
वाहनों के रूट में किया गया बदलाव
प्रशासन ने चंबा की ओर से आने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों को नरेंद्रनगर बाजार के रास्ते भेजने का निर्णय लिया है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा वैकल्पिक रूट उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को असुविधा से बचाया जा सके। बावजूद इसके, मार्गों के बंद होने से आम लोगों, पर्यटकों और व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग का अलर्ट – आगे भी जारी रहेगी बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 24 से 48 घंटों के दौरान राज्य के विभिन्न भागों में भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है। उन्होंने विशेष रूप से कुमाऊं क्षेत्र के जिलों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। इसके अलावा गढ़वाल मंडल के देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी और पौड़ी जिलों में भी 21 जून को मध्यम से भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने की अपील
मौसम विभाग और प्रशासन की ओर से लगातार चेतावनियां जारी की जा रही हैं। विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा कर रहे लोगों को सलाह दी गई है कि वे मौसम अपडेट पर नजर रखें और अनावश्यक यात्रा से बचें। खतरे की आशंका वाले इलाकों में राहत एवं बचाव दलों को तैयार रखा गया है ताकि आपदा की स्थिति में तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके।
टिहरी समेत उत्तराखंड के कई जिलों में मॉनसून के शुरुआती प्रभाव से आपदा जैसे हालात बन गए हैं। भूस्खलन और सड़कों के बाधित होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मौसम विभाग द्वारा दिए गए पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में सतर्कता और प्रशासनिक सहयोग ही एकमात्र उपाय है।