
नैनीताल: उत्तराखंड की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल में जहां मानसून ने मौसम को सुहावना बना दिया है, वहीं दूसरी ओर इसका सीधा असर पर्यटन कारोबार पर पड़ रहा है। बीते कुछ दिनों में प्रदेश के अन्य इलाकों से आई भारी बारिश और भूस्खलन की खबरों ने पर्यटकों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है। इसका असर नैनीताल समेत रानीखेत और मुक्तेश्वर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर साफ देखा जा सकता है, जहां आमतौर पर जून-जुलाई में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती थी, लेकिन इस बार सन्नाटा पसरा हुआ है।
होटल बुकिंग में भारी गिरावट
नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट के अनुसार, इस समय आमतौर पर जहां 80-90 प्रतिशत तक होटल बुकिंग रहती थी, अब वह घटकर सिर्फ 30-45 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने बताया कि मानसून के कारण राज्य के अन्य क्षेत्रों में हुई तबाही की खबरों से पर्यटक डरे हुए हैं, जिस वजह से कई पर्यटकों ने अपनी बुकिंग तक रद्द कर दी है। इस कारण पर्यटन व्यवसाय में करीब 60 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार से सूचना बुलेटिन जारी करने की मांग
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह उत्तराखंड के सुरक्षित पर्यटन स्थलों की जानकारी वाला एक बुलेटिन जारी करे। इससे देशभर के पर्यटकों को यह संदेश जाएगा कि राज्य में कई जगहें सुरक्षित हैं और यात्रा करना पूरी तरह संभव है। दिग्विजय बिष्ट ने कहा कि भ्रम की स्थिति को दूर करना जरूरी है, क्योंकि सोशल मीडिया पर फैली कुछ भ्रामक सूचनाएं पर्यटकों को भ्रमित कर रही हैं।
लोकल व्यवसाय पर पड़ा असर
केवल होटल नहीं, बल्कि टैक्सी चालक, नाविक, दुकानदार और गाइड भी इस मंदी से प्रभावित हुए हैं। टैक्सी चालकों का कहना है कि पहले दिन में दो-तीन बुकिंग आसानी से मिल जाती थीं, अब दो दिनों में एक भी ग्राहक मिलना मुश्किल हो गया है। नैनी झील के किनारे दुकान लगाने वाले व्यापारी और नाविक भी पर्यटकों की कमी से हताश हैं।
मौसम बेहतर लेकिन पर्यटक नहीं
वर्तमान में नैनीताल का मौसम साफ और खुशनुमा है। हल्की धूप और ठंडी हवाओं से वातावरण बेहद मनोहारी बना हुआ है। जो कुछ पर्यटक इन दिनों पहुंचे हैं, वे यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठा रहे हैं। लेकिन प्रदेश के अन्य हिस्सों में आई आपदा की खबरों ने नैनीताल की रौनक को फीका कर दिया है।
मानसून के कारण नैनीताल में पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। यदि स्थिति में शीघ्र सुधार नहीं हुआ और भ्रम की स्थिति बनी रही, तो यह सीजन पर्यटन कारोबार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। सरकार को चाहिए कि वह भरोसेमंद और सकारात्मक जानकारी पर्यटकों तक पहुंचाए, ताकि पर्यटन गतिविधियां फिर से गति पकड़ सकें।