यदि कोई राष्ट्र किसान की सहनशीलता को परखने की कोशिश करेगा, तो उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी : धनकड़
कृषि क्षेत्र के मुद्दों का समाधान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए : उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया कि किसानों से वादा किया गया था, वह वादा क्यों नहीं निभाया गया? सार्वजनिक मंच से अपनी बात रखते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “किसानों से बात क्यों नहीं हो रही है? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?” उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह समय उनके लिए कष्टदायक है, क्योंकि पिछले साल भी किसानों का आंदोलन था और इस साल भी किसानों की आवाज उठ रही है। उन्होंने केंद्र सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस आंदोलन का सीमित आंकलन करना भूल होगी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एवं किसान समुदाय से आने वाले सत्यपाल मलिक का साथ मिल गया है। धनखड़ के बयान पर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उन्हें बधाई दी है। मलिक ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के उस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें वह कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछते हुए नजर आ रहे हैं।2020 में शुरु हुआ ‘किसान आंदोलन’ लगभग 378 दिन के बाद खत्म हुआ था। उस वक्त सरकार ने भरोसा दिलाया था कि किसानों की मांगों को पूरा किया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी भी गठित की गई। जब कोई बात नहीं बनी तो इस वर्ष के प्रारंभ में किसान आंदोलन 2.0 प्रारंभ हो गया। किसानों की योजना, 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की है,
कृषि क्षेत्र के मुद्दों का समाधान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए : उपराष्ट्रपति
हालांकि अभी तक उन्हें मंजूरी नहीं मिली है। इस बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष में खलबली मच गई। संवैधानिक पद पर बैठे धनखड़ ने जो कुछ कहा, उसे केंद्र सरकार के लिए ‘आईना दिखाना’ बताया जा रहा है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने धनखड़ की दहाड़ को एक रणनीति की हिस्सा करार दिया है। उन्होंने यह आशंका जताई है कि केंद्र सरकार ने किसानों को लेकर अपनी इमेज साफ करने के लिए कहीं जानबूझ कर तो उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाथों आईना नहीं देख रही। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछते हुए नजर आ रहे हैं। पूर्व राज्यपाल ने लिखा, किसान की आवाज बुलंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जगदीप धनखड़। किसान पुत्र ही किसान की पीड़ा समझ सकता है। आप इस स्थिति में हैं कि प्रधानमंत्री से बात करके आप किसानों की समस्याओं का समाधान करवाएंगे। किसान की आवाज बुलंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। इससे पहले भी मलिक, किसानों के मुद्दे पर मुखर रहे हैं।
*देश की कोई ताकत किसान की आवाज को दबा नहीं सकती : उपराष्ट्रपति*
उन्होंने राज्यपाल के पद पर होते हुए किसानों की मांगों का समर्थन किया था। किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के बाद मलिक, सरकार के निशाने पर आ गए थे। सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली थी। मलिक का कहना था, भाजपा सरकार किसानों से बातचीत कर उनकी मांगों का समाधान निकाले। प्रजातंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की बात कही थी, लेकिन आज भी किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही। सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है।
*जब कोई भी सरकार वादा करती है, और वह वादा किसान से जुड़ा हुआ होता है, तो उसे निभाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए: उपराष्ट्रपति*