
समोसा, जो भारत की हर गली-नुक्कड़ पर एक लोकप्रिय स्नैक के रूप में मिलता है, का इतिहास बेहद दिलचस्प और गहरा है। इस तले हुए स्वादिष्ट व्यंजन का भारत से गहरा रिश्ता है, लेकिन इसका असली उद्गम भारत में नहीं है।
समोसे का उद्भव
समोसा असल में भारत में नहीं बना, बल्कि इसका मूल मध्य एशिया और फारस से जुड़ा है। 10वीं से 13वीं शताब्दी के बीच जब फारसी व्यापारी और मध्य एशियाई लोग भारत में आए, तो वे अपने साथ इस खास व्यंजन को भी लाए, जिसे तब “संबोसा” या “संबोसाग” के नाम से जाना जाता था। इसका सबसे पहला उल्लेख प्राचीन फारसी साहित्य में मिलता है, जिसमें इसे एक मांस से भरे हुए तले हुए व्यंजन के रूप में वर्णित किया गया था।
भारत में समोसे का आगमन
भारत में इस व्यंजन के आगमन के बाद, मुगल साम्राज्य के शासनकाल के दौरान समोसा लोकप्रिय हुआ। हालांकि, उस समय इसे शाही खानसामों द्वारा दरबारों में तैयार किया जाता था और मांस के भराव से बनाया जाता था। धीरे-धीरे, इस व्यंजन ने भारत में स्थानीय रूप अपना लिया, और इसके अंदर मांस के बजाय आलू और मसालों से भरा जाने लगा, जिसे हम आज के समय में पसंद करते हैं। दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक को समोसा खाना बेहद पसंद था।
भारतीय समोसे का अनुकूलन
समय के साथ, भारतीय लोगों ने समोसे को अपनी संस्कृति और स्वाद के अनुसार ढाल लिया। 14वीं शताब्दी में, दिल्ली सल्तनत के शाही खानसामों ने समोसे को एक खास व्यंजन के रूप में पेश किया था। बाद में मुगलों के शासनकाल में यह और भी प्रसिद्ध हुआ। इसके बाद, आलू का इस्तेमाल 16वीं शताब्दी के बाद शुरू हुआ, जब पुर्तगालियों ने भारत में आलू की खेती की शुरुआत की। तब से आलू समोसे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।
समोसे की विविधता
आज, समोसे का रूप और स्वाद विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हो सकता है। उत्तर भारत में इसे आलू और मसालों से भरा जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे कभी-कभी मांस या अन्य सामग्री से भरा जाता है। भारत के हर हिस्से में समोसे का स्वाद और बनाने का तरीका थोड़ा अलग हो सकता है, जो इसे और भी दिलचस्प बनाता है।
समोसा का आधुनिक दौर
समोसा आज न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में लोकप्रिय है। यह विभिन्न प्रकार की भराइयों के साथ प्रयोग किए जाने वाला व्यंजन है, जिसमें चीज़, मांस, और अन्य विदेशी सामग्री भी शामिल हो सकती है। भारत के बाहर, खासकर इंग्लैंड, अमेरिका, और कनाडा जैसे देशों में समोसे को भारतीय रेस्त्रां में बड़े चाव से खाया जाता है।
समोसा आज एक ऐसा व्यंजन बन गया है जो न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी भारतीय संस्कृति का स्वाद पहुंचाता है।