उत्तराखंड

अल्मोड़ा बेस अस्पताल के नॉन-टीचिंग कर्मचारियों का वेतन रोका, हड़ताल की चेतावनी

Salaries of non-teaching staff of Almora Base Hospital with held, warning of strike

अल्मोड़ा: राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित बेस अस्पताल में कार्यरत नॉन-टीचिंग कर्मचारियों को पिछले महीने का वेतन न मिलने से भारी नाराजगी है। शुक्रवार को कर्मचारियों ने हाथों पर काला फीता बांधकर विरोध जताया और जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन ने उनके पदों को अभी तक स्वीकृति नहीं दी, जिस वजह से ट्रेजरी ने उनका वेतन रोक रखा है।

वेतन न मिलने से गहराई नाराजगी

कर्मचारी नेता सतीश कुमार ने बताया कि अस्पताल में कार्यरत 109 कर्मचारियों का वेतन ट्रेजरी द्वारा रोका गया है। उनका कहना है कि ये कर्मचारी कोरोना काल में आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त किए गए थे और अब तक उनके पद सृजित नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, “हमने कई बार अपनी समस्या स्वास्थ्य मंत्री और प्रशासन के सामने रखी, हर बार आश्वासन तो मिला लेकिन ठोस समाधान नहीं हुआ। पिछले वर्ष भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा था।”

कर्मचारियों की मांगें

कर्मचारियों ने साफ कहा है कि जब तक उनके पदों को स्थायी रूप से सृजित नहीं किया जाता और वेतन समय पर नहीं दिया जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। वे मानदेय बढ़ाने और वेतन समय पर जारी करने की मांग भी कर रहे हैं, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण आसानी से कर सकें। महिला कर्मचारी सुनीता देवी ने कहा कि हर बार आंदोलन के बाद आश्वासन देकर उन्हें शांत किया जाता है, लेकिन समस्या फिर वही रह जाती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 22 सितंबर तक वेतन नहीं मिला तो इस बार आंदोलन और उग्र होगा और इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी।

प्रशासन की सफाई

इधर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सी.पी. भैसोड़ा ने कहा कि ये सभी आउटसोर्स कर्मचारी हैं जिन्हें कोरोना काल में तत्कालीन जरूरत के तहत नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के पदों को नियमित करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है और प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। प्राचार्य ने कहा, “ट्रेजरी ने इस बार भी वेतन को लेकर आपत्ति दर्ज की है, जिस पर वार्ता चल रही है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही शासन से पद स्वीकृति मिल जाएगी और वेतन की समस्या का समाधान होगा।”

हड़ताल की चेतावनी

कर्मचारियों का कहना है कि अगर तय समय सीमा तक वेतन नहीं मिला तो वे पूर्णकालिक हड़ताल करेंगे। इससे अस्पताल की सामान्य और इमरजेंसी सेवाएं भी ठप पड़ सकती हैं। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि अब केवल आश्वासन से बात नहीं बनेगी, बल्कि शासन को ठोस कार्रवाई करनी होगी।

अल्मोड़ा बेस अस्पताल के नॉन-टीचिंग कर्मचारियों का यह विरोध न केवल स्वास्थ्य सेवाओं पर असर डाल सकता है बल्कि स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है। अब देखना यह होगा कि 22 सितंबर से पहले सरकार और प्रशासन इस समस्या का स्थायी समाधान कर पाते हैं या नहीं।

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