ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना: 2024 तक आंशिक संचालन की तैयारी, तेजी से हो रहा काम
Rishikesh-Karnprayag Rail Project: Preparations for partial operation by 2024, work is going on at a fast pace
ऋषिकेश। उत्तराखंड की महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम पूरी तेजी से जारी है। भारतीय रेलवे के अनुसार, इस परियोजना का आंशिक संचालन 2024 के अंत तक शुरू होने की संभावना है। यह परियोजना न केवल पहाड़ी राज्य के परिवहन को बेहतर बनाएगी, बल्कि पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी नया आयाम देगी।
परियोजना की प्रगति को मिली रफ्तार
इस परियोजना की कुल लंबाई 125 किलोमीटर है, जिसमें से 105 किलोमीटर क्षेत्र में सुरंग निर्माण किया जा रहा है। अब तक लगभग 75% सुरंगों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। ऋषिकेश से चंबा और गोचर तक के हिस्से में काम तेजी से चल रहा है, और अधिकारियों ने परियोजना को समय पर पूरा करने का भरोसा जताया है।
यात्रा समय में होगी बड़ी कमी
रेल लाइन के संचालन से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की यात्रा का समय 6 घंटे से घटकर केवल 2 घंटे रह जाएगा। यह सुविधा न केवल स्थानीय निवासियों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
स्थानीय रोजगार और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
निर्माण कार्य ने स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर दिए हैं। परियोजना पूरी होने के बाद, कृषि उत्पादों के परिवहन में सुधार होगा और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों जैसे बद्रीनाथ और केदारनाथ तक यात्रा और सुगम हो जाएगी।
पर्यटन क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी परियोजना
यह रेल लाइन उत्तराखंड के पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। तीर्थयात्रा स्थलों तक आसान पहुंच के चलते देश-विदेश के श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होने की संभावना है।
अधिकारियों का बयान
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि परियोजना की प्रगति संतोषजनक है और इसके समय पर पूरा होने का भरोसा है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए प्राथमिकता 2024 के अंत तक आंशिक संचालन शुरू करना है, और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।”
चुनौतियों के बावजूद सफलता की उम्मीद
भौगोलिक और मौसम संबंधी चुनौतियों के बावजूद, आधुनिक तकनीक और कुशल योजना की मदद से इस परियोजना को समय पर पूरा किया जा रहा है। यह उत्तराखंड के बुनियादी ढांचे और विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
सारांश
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना उत्तराखंड के परिवहन और पर्यटन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2024 तक आंशिक संचालन शुरू होने की उम्मीद ने प्रदेशवासियों और पर्यटकों के बीच उत्साह बढ़ा दिया है।