उत्तराखंड

उत्तराखंड में पंचायती प्रतिनिधियों को मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण, ग्राम विकास पर जोर

Panchayat representatives will get technical training in Uttarakhand, emphasis on village development

देहरादून, 1 अगस्त 2025 – उत्तराखंड सरकार अब नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और जिला पंचायत प्रतिनिधियों को शासन और प्रशासन की बारीकियों से अवगत कराने के लिए विशेष प्रशिक्षण देगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आयोजित पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण आधुनिक तकनीक, वित्तीय प्रबंधन और ई-गवर्नेंस पर केंद्रित होगा।

ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित कर बनाया जाएगा सशक्त

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने में ग्रामीण क्षेत्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक गांव विकसित नहीं होंगे, तब तक राज्य और देश का समग्र विकास संभव नहीं है। इसी सोच के तहत ग्राम पंचायतों को सक्षम बनाने के लिए यह पहल की जा रही है।

उन्होंने पंचायतीराज विभाग को निर्देश दिए कि वे नव-निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को एक सुनियोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशासनिक दक्षता प्रदान करें, जिससे वे अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर सकें।

एकीकृत पंचायत भवनों की स्थापना

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य भर में एकीकृत पंचायत भवनों के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा। इन भवनों में ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, आशा कार्यकर्ता सहित अन्य स्थानीय कार्मिकों के लिए एक ही स्थान पर बैठने की सुविधा होगी। साथ ही, रोस्टर के माध्यम से उनके समन्वय को सुनिश्चित किया जाएगा। इससे ग्रामीणों को एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी।

बजट नियोजन और भविष्य की योजना

बैठक में मुख्यमंत्री ने पंचायती बजट नियोजन को और प्रभावी बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों का विकास सुनियोजित हो, यह सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही यह भी आकलन किया जाए कि अगले 15 वर्षों में कितने ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में परिवर्तित हो सकते हैं। यह भविष्य की नीतियों के निर्धारण में सहायक सिद्ध होगा।

स्थापना दिवस उत्सव और जनता की भागीदारी

ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस को उत्सव के रूप में मनाने पर भी बल दिया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन आयोजनों में ग्रामवासियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए और इसके लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए। उन्होंने पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग, ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और जनता की शिकायतों के समाधान के लिए समयबद्ध व्यवस्था बनाने पर भी जोर दिया।

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