उत्तराखंड शासन में फेरबदल, पांच आईएएस अधिकारियों को दी गई नई जिम्मेदारियां
Reshuffle in Uttarakhand government, five IAS officers given new responsibilities

देहरादून, 26 जून 2025: उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पांच आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल किया है। इससे पहले भी राज्य सरकार द्वारा 12 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले किए जा चुके हैं। इस बार जिन अधिकारियों की कार्यप्रणाली में बदलाव हुआ है, उनमें रणवीर सिंह चौहान, नितिका खंडेलवाल, गौरव कुमार, विशाल मिश्रा और अपूर्वा पांडे शामिल हैं।
रणवीर सिंह चौहान से एक दायित्व हटाया गया
2009 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह चौहान वर्तमान में सचिव गन्ना, चीनी, राज्य संपत्ति, परियोजना निदेशक केएफडब्ल्यू और महानिदेशक कृषि एवं उद्यान विभाग की जिम्मेदारियां निभा रहे थे। अब शासन ने उनसे परियोजना निदेशक नमामि गंगे की जिम्मेदारी हटाकर यह कार्य दूसरे अधिकारी को सौंपा है। यह निर्णय उनके कार्यभार को संतुलित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
नीतिका खंडेलवाल को नया पदभार मिला
2015 बैच की अधिकारी नीतिका खंडेलवाल वर्तमान में जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल और पुनर्वास निदेशक (टिहरी बांध परियोजना) के रूप में कार्य कर रही हैं। अब उन्हें जिला विकास प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल की उपाध्यक्ष की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है। यह नियुक्ति टिहरी क्षेत्र के समग्र विकास में सहायक सिद्ध हो सकती है।
गौरव कुमार को आईटी विभाग का अतिरिक्त दायित्व
2017 बैच के अधिकारी गौरव कुमार, जो वर्तमान में शहरी विकास विभाग के अपर सचिव, निदेशक शहरी विकास निदेशालय, और आईटीडीए निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, को अब सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के अपर सचिव, और हिल्ट्रॉन के प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी भी दी गई है।
विशाल मिश्रा को नमामि गंगे प्रोजेक्ट का नेतृत्व सौंपा गया
2018 बैच के अधिकारी विशाल मिश्रा फिलहाल गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक और जल जीवन मिशन के निदेशक के पद पर हैं। अब उन्हें नमामि गंगे परियोजना निदेशक का कार्यभार भी दिया गया है, जो पहले रणवीर सिंह के पास था।
अपूर्वा पांडे को मिला नया अतिरिक्त प्रभार
इसी बैच की अधिकारी अपूर्वा पांडे, जो पेयजल और गृह विभाग की अपर सचिव हैं, को स्वजल निदेशक का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया है, जो ग्रामीण जल आपूर्ति योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह प्रशासनिक फेरबदल उत्तराखंड सरकार की नीति अनुसार अधिकारियों के कौशल और अनुभव का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया कदम है। इससे सरकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर और बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी।