उत्तराखंड

गैरसैंण में स्थाई राजधानी की मांग पर गरजा जनआक्रोश

Public outrage roared on the demand of permanent capital in Gairsain

भराड़ीसैंण/गैरसैंण। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थाई राजधानी घोषित करने और स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क सुविधाओं की बदहाली को लेकर दिवालीखाल में लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान नगर पंचायत गैरसैंण अध्यक्ष मोहन भंडारी के आह्वान पर बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग, महिला मंगल दल, युवा संगठन और सामाजिक संस्थाएं शामिल हुईं।

शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर नाराजगी

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गैरसैंण की लगातार उपेक्षा की जा रही है। स्वास्थ्य केंद्रों में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं, अल्ट्रासाउंड और महिला रोग विशेषज्ञ की कमी के कारण लोगों को दूरस्थ क्षेत्रों तक जाना पड़ता है। वहीं शिक्षा व्यवस्था जर्जर है और सड़कों की खराब हालत से ग्रामीणों को रोजाना परेशानी झेलनी पड़ती है।

पुलिस से नोकझोंक और नारेबाजी

सुबह 11 बजे रैली कालीमाटी बैरियर पर पहुंची, जहां तिरंगा लिए महिलाएं और युवा सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। विधानसभा घेराव की कोशिश में पुलिस से धक्का-मुक्की और झड़प भी हुई। कई आंदोलनकारी बैरियर पार कर आगे बढ़े लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

आंदोलनकारियों की चेतावनी

आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए मोहन भंडारी ने कहा कि गैरसैंण उत्तराखंड आंदोलन का प्रतीक है और स्थाई राजधानी घोषित होना जनता का हक है। उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्र की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में विफल रही है, जिससे जनता सड़क पर उतरने को मजबूर है।

प्रशासन से मिला आश्वासन

लंबे हंगामे के बाद प्रशासन की ओर से लिखित आश्वासन दिया गया कि गैरसैंण अस्पताल में सप्ताह में तीन दिन अल्ट्रासाउंड और दो दिन महिला रोग विशेषज्ञ की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 109 के सुधार कार्य बरसात के बाद शुरू करने का वादा किया गया। आश्वासन मिलने के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ, लेकिन लोगों ने चेतावनी दी कि यदि वादे पूरे नहीं हुए तो आंदोलन और उग्र होगा।

बेरोजगार संघ और सूराज सेवा दल भी उतरे मैदान में

इसी बीच उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल के नेतृत्व में युवाओं ने भी धरना दिया। उन्होंने सरकारी नौकरियों में धांधली का आरोप लगाते हुए भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं सूराज सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने भी विधानसभा सत्र के दौरान जंगलचट्टी व दिवालीखाल बैरियर पर प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

गैरसैंण में जनता के इस आंदोलन ने एक बार फिर स्थाई राजधानी की मांग को मजबूत कर दिया है। लोगों का कहना है कि जब तक गैरसैंण को स्थाई राजधानी नहीं बनाया जाता और बुनियादी सुविधाओं की कमी दूर नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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