उत्तराखंडराजनीति

राजभवन नैनीताल के 125 वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रपति मुर्मु ने किया विशेष डाक टिकट का विमोचन

President Murmu released a special postage stamp on the completion of 125 years of Raj Bhavan Nainital

देहरादून, 20 जून 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के उत्तराखंड दौरे के अंतर्गत आज एक विशेष ऐतिहासिक क्षण साक्षी बना जब उन्होंने देहरादून स्थित राष्ट्रपति निकेतन में आयोजित एक कार्यक्रम में नैनीताल स्थित राजभवन के 125 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में एक विशेष डाक टिकट जारी किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि.) भी उपस्थित रहे। उन्होंने इस ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया।

ब्रिटिश कालीन विरासत की अनूठी पहचान

राजभवन नैनीताल उत्तराखंड की एक प्रमुख ऐतिहासिक और स्थापत्य धरोहर है। यह भवन ब्रिटिश काल की गोथिक शैली में निर्मित किया गया था और इसे लंदन के बकिंघम पैलेस की तर्ज पर डिजाइन किया गया था। इस भवन में सौ से अधिक कमरे, भव्य नक्काशीदार दीवारें, स्विमिंग पूल, एक सुंदर बागीचा और विशिष्ट गोल्फ कोर्स स्थित हैं, जो इसे अन्य राजभवनों से अलग बनाते हैं। इसके चारों ओर फैली देवदार और ओक के घने वृक्षों की छाया इस परिसर को अत्यंत आकर्षक और शांत वातावरण प्रदान करती है।

राष्ट्रीय स्मृति में ऐतिहासिक महत्व

राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया यह डाक टिकट राजभवन नैनीताल की ऐतिहासिक विरासत को देश के समक्ष दर्शाने का एक प्रभावी माध्यम बनेगा। इस धरोहर की भव्य वास्तुकला, भू-संरचना और प्राकृतिक परिवेश इसके महत्व को और भी बढ़ाते हैं। यह न केवल उत्तराखंड के गौरव का प्रतीक है, बल्कि देश की स्थापत्य कला और सांस्कृतिक धरोहर को भी समृद्ध करता है।

‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ कॉफी टेबल बुक भेंट

इस कार्यक्रम में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राष्ट्रपति को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ नामक एक विशेष कॉफी टेबल बुक भी भेंट की। यह पुस्तक उत्तराखंड राजभवन द्वारा मनाए जाने वाले प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के राज्य स्थापना दिवस पर आधारित है और देश की सांस्कृतिक विविधता को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करती है।

संस्कृति और विरासत को जोड़ने की पहल

उत्तराखंड सरकार और राज्यपाल द्वारा किए जा रहे प्रयासों के तहत राजभवन जैसी ऐतिहासिक इमारतों को राष्ट्रीय पटल पर लाने की पहल सराहनीय है। इस प्रकार के आयोजनों से आने वाली पीढ़ियों को अपने समृद्ध इतिहास और वास्तुकला से परिचित कराने का अवसर मिलेगा।

राजभवन नैनीताल का यह गौरवशाली 125वां वर्ष राज्य के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यटन महत्व को और अधिक समृद्ध करता है।

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