दिल्ली में नई भाजपा सरकार की तैयारी: बजट और चुनावी वादों की बड़ी चुनौती
Preparations for the new BJP government in Delhi: The big challenge of budget and election promises

नई दिल्ली: 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करने के बाद नई भाजपा सरकार के गठन की प्रक्रिया जोरों पर है। अगले सप्ताह मुख्यमंत्री और मंत्रियों के शपथ लेने के साथ सरकार का गठन होगा। लेकिन नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बजट पेश करने और चुनावी वादों को पूरा करने की होगी।
100 दिनों का एजेंडा तैयार करने के निर्देश
चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार ने सभी विभागों को 100 दिनों के एजेंडे की रूपरेखा तैयार करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, वित्त विभाग को नई सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार बजट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
नई सरकार के सामने बजट की चुनौती
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल के अनुसार, नई सरकार के लिए बजट पेश करना एक महत्वपूर्ण कार्य होगा। फरवरी में चुनाव होने के कारण नई सरकार के पास अगले वित्त वर्ष के बजट की तैयारी के लिए बहुत कम समय बचा है।
वित्त विभाग जुटा बजट तैयारियों में
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वित्त विभाग न केवल बजट तैयार कर रहा है, बल्कि एक आंतरिक रिपोर्ट भी तैयार कर रहा है, जो सरकार को दिल्ली की मौजूदा वित्तीय स्थिति से अवगत कराएगी।
दिल्ली का बजट 10 साल में ढाई गुना बढ़ा
- 2009-10 में दिल्ली का बजट: ₹25,000 करोड़
- 2014-15 तक: ₹31,000 करोड़
- 2024-25 में: ₹77,000 करोड़
आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में दिल्ली का बजट 10 सालों में 46,000 करोड़ रुपए बढ़ा, जो ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि दर्शाता है।
दिल्ली का आर्थिक विकास और भाजपा की चुनौती
- कैग (CAG) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली देश का एकमात्र राजस्व अधिशेष (Revenue Surplus) राज्य है।
- आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने भाजपा सरकार से चुनावी वादों को पूरा करने की उम्मीद जताई है।
- खासतौर पर दिल्ली की महिलाओं को ₹2,500 प्रति माह देने के वादे को 8 मार्च तक लागू करने का दावा किया गया है।
क्या करेगी नई सरकार?
अब देखना होगा कि भाजपा सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए कैसे बजट तैयार करती है और दिल्ली की वित्तीय स्थिति को संतुलित रखते हुए किस तरह योजनाओं को लागू करती है।