चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां तेज़, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष जोर
Preparations for Chardham Yatra 2025 are in full swing, special emphasis on better health facilities

श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, ताकि देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इस बार स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक और प्रभावी बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा के दौरान आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए 154 एंबुलेंस, हेलीकॉप्टर एंबुलेंस और बोट एंबुलेंस की व्यवस्था की है। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा देने के लिए केदारनाथ और बदरीनाथ में दो नए अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है।
केदारनाथ और बदरीनाथ में नए अस्पताल, विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती
स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने जानकारी दी कि इस बार केदारनाथ में 17 बेड और बदरीनाथ में 45 बेड के नए अस्पताल खोले जा रहे हैं, जिससे तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर 25 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है, ताकि इमरजेंसी में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (MRP) और 31 स्वास्थ्य जांच केंद्रों की स्थापना करने का निर्णय लिया है, जो ऊंचाई से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं की निगरानी करेंगे।
154 एंबुलेंस, हेलीकॉप्टर और बोट एंबुलेंस रहेंगी तैनात
यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए 154 एंबुलेंस तैनात की जाएंगी, जिनमें 17 एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS) एंबुलेंस भी शामिल हैं। इसके अलावा, आपातकालीन परिस्थितियों में तीर्थयात्रियों को त्वरित चिकित्सा सहायता देने के लिए एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित हेलीकॉप्टर एंबुलेंस और टिहरी झील में बोट एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
ट्रांजिट जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत
चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी जैसे ट्रांजिट जिलों में 37 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र व्यवस्थित किए गए हैं। इसके अलावा, नई स्क्रीनिंग पॉइंट बनाए जाएंगे, ताकि यात्रा से पहले ही हाई-रिस्क यात्रियों को चिन्हित किया जा सके।
ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल को अपग्रेड किया जाएगा
आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल को अपग्रेड किया जाएगा, जिसमें एक ई-बटन जोड़ा जाएगा। यह बटन आपातकालीन स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए उपयोगी होगा। इसके अलावा, प्वाइंट ऑफ केयर टेस्टिंग डिवाइस की मदद से तीर्थयात्रियों के 28 महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पैरामीटर की जांच की जाएगी, जिससे किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या का समय रहते पता लगाया जा सके।
2024 के अनुभव से सबक, स्वास्थ्य मित्रों की संख्या बढ़ेगी
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, 2024 की चारधाम यात्रा में 34,000 से अधिक स्वास्थ्य आपातकालीन मामले सामने आए थे, जिसमें 1,011 मरीजों को एंबुलेंस और 90 मरीजों को हेलीकॉप्टर से उच्च चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचाया गया था। इस अनुभव को ध्यान में रखते हुए, इस बार यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य मित्रों (फर्स्ट मेडिकल रिस्पॉन्डर) की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि तीर्थयात्रियों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके।
केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता, गुप्तकाशी में नया 50-बेड का अस्पताल
इस बार चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार से धनराशि मंजूर की गई है, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा, गुप्तकाशी में 50 बेड के नए अस्पताल के लिए बजट स्वीकृत किया गया है, जिससे यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधाएं और अधिक सशक्त हो सकेंगी।
यात्रियों के लिए अनिवार्य स्वास्थ्य जांच और सुरक्षा प्रशिक्षण
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि इस बार तीर्थयात्रियों के लिए अपनी स्वास्थ्य जानकारी देना अनिवार्य किया जाएगा, ताकि हाई-रिस्क यात्रियों को पहले से चिन्हित किया जा सके। इसके अलावा, इमरजेंसी कॉल सेंटर को और मजबूत किया जाएगा और यात्रा मार्ग पर होटल, धर्मशाला, खच्चर चालकों और अन्य स्थानीय सेवाओं से जुड़े लोगों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
चारधाम यात्रा 2025 – श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुगम अनुभव
राज्य सरकार की कोशिश है कि चारधाम यात्रा 2025 को न केवल आध्यात्मिक रूप से, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी सुरक्षित और सुलभ बनाया जाए। नई स्वास्थ्य सेवाओं, उन्नत तकनीकों और विशेषज्ञ चिकित्सा दल की सहायता से, इस बार श्रद्धालु एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुखद यात्रा का अनुभव कर सकेंगे।