उत्तराखंड का 25वां स्थापना दिवस: कोटद्वार में सांस्कृतिक पेंटिंग्स से सजी तैयारियां,उपलब्धियों के साथ कई चुनौतियां बरकरार
25th Foundation Day of Uttarakhand: Preparations decorated with cultural paintings in Kotdwar, many challenges remain along with achievements

कोटद्वार: उत्तराखंड राज्य 9 नवंबर को अपने 25वें वर्ष में प्रवेश करेगा, जो राज्य के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन 24 वर्षों में उत्तराखंड ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, वहीं कई चुनौतियां अब भी बरकरार हैं। राज्य के स्थापना दिवस पर उत्तराखंड के विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने विचार साझा किए और वर्तमान सरकार की नीतियों की आलोचना की। वहीं कोटद्वार शहर में स्थापना दिवस को विशेष रूप से मनाने की तैयारी जोरों पर है, जिसमें पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से स्थानीय संस्कृति को दर्शाने की पहल की गई है।
राजनीतिक दलों का नजरिया: समस्याएं और समाधान की मांग
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि उत्तराखंड ने इन वर्षों में बहुत कुछ देखा है, लेकिन अब भी राज्य के सामने कई चुनौतियां हैं। माहरा के अनुसार, राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन, रोजगार की कमी और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे अब भी बड़े पैमाने पर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रथम निर्वाचित सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के नेतृत्व में राज्य के विकास का आधार तैयार किया था। माहरा का मानना है कि राज्य की महिलाओं और युवा पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित बनाना और पलायन रोकना, राज्य के लिए प्रमुख चुनौतियां हैं।
वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार ने बीजेपी और कांग्रेस पर राज्य के नौजवानों और संसाधनों का दोहन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य के बेरोजगार युवा नशे के दलदल में फंसते जा रहे हैं और रोजगार के अभाव में उनका भविष्य अनिश्चित हो गया है। पंवार ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय दलों ने राज्य की संपदाओं का फायदा उठाकर केवल अपने लाभ की राजनीति की है। यूकेडी का मानना है कि राज्य का सर्वांगीण विकास वही कर सकता है जिसने राज्य निर्माण के संघर्ष और बलिदान को करीब से देखा हो।
मुख्य चुनौतियां: बेरोजगारी, पलायन और स्वास्थ्य सुविधाएं
राजनीतिक दलों ने बेरोजगारी, महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, स्वास्थ्य सुविधाओं की खराब स्थिति, और सड़क दुर्घटनाओं को प्रमुख मुद्दों के रूप में उठाया। करन माहरा का कहना है कि बीजेपी ने वादे तो किए पर जनता को निराशा ही हाथ लगी है। उन्होंने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की संस्कृति को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया और कहा कि इससे राज्य में एक अनिश्चित राजनीतिक स्थिति उत्पन्न हुई है। माहरा ने सरकार से मांग की कि रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराकर युवाओं का विश्वास बहाल किया जाए।
कोटद्वार में पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से सांस्कृतिक प्रदर्शनी
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कोटद्वार में एक विशेष पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसके तहत कोटद्वार के मुख्य चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को पेंटिंग्स के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। प्रमुख चौराहों पर उत्तराखंड के देवस्थानों, ॐ पर्वत, पारंपरिक वेशभूषा, ढोल दमाऊ, मशकबीन और नंदा राजजात यात्रा जैसी सांस्कृतिक धरोहरों को कलात्मक रूप में उकेरा गया है।
इस पेंटिंग प्रतियोगिता में 30 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें से 15 का चयन कर उनकी पेंटिंग्स को मुख्य स्थलों पर प्रदर्शित किया गया। इन चित्रों में गढ़वाल और कुमाऊं की पारंपरिक जीवन शैली, पहनावा और रीति-रिवाजों को भी दर्शाया गया है, जो पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस पहल को सकारात्मक तरीके से बढ़ावा दिया है, ताकि राज्य की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करते हुए आगे बढ़ाया जा सके।
आगे की राह और उम्मीदें
राज्य के स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न दलों ने अपनी जिम्मेदारियों को याद दिलाया और प्रदेश के हित में ठोस कदम उठाने की बात कही। राज्य के निवासियों को भी उम्मीद है कि राज्य का भविष्य संजीवनी शक्ति के साथ उज्जवल होगा और उत्तराखंड अपने स्थायी विकास की दिशा में निरंतर आगे बढ़ेगा।