
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जीएसटी सुधार (GST 2.0) को केवल तकनीकी बदलाव नहीं बल्कि लोगों के जीवन को आसान बनाने और व्यापार को बढ़ावा देने वाला साहसिक कदम बताया। पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के लेख का हवाला देते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों और पैकेजिंग पर कर दरों में कटौती से किराना सस्ता होगा, एमएसएमई उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, किसानों को बेहतर कीमत मिलेगी और भारत की वैश्विक खाद्य प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी।
त्योहारों से पहले बाजार में राहत
22 सितंबर से लागू होने वाले जीएसटी सुधार से देशभर में बिकने वाले 90 प्रतिशत से अधिक सामानों की कीमतों में कमी आएगी। चिराग पासवान ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री ने दिवाली तक अगले चरण के जीएसटी सुधार लागू करने का वादा किया था। अब यह बदलाव सीधे लोगों की किराने की टोकरी में नजर आएगा और परिवारों की जेब पर बोझ कम होगा।
रोज़मर्रा की चीज़ों पर जीएसटी घटा
नई व्यवस्था के अनुसार अल्ट्रा-पाश्चराइज्ड दूध, पैक्ड पनीर और भारतीय ब्रेड जैसे उत्पादों पर जीएसटी शून्य (0%) रहेगा। वहीं बिस्कुट, नमकीन, ब्रेकफास्ट सीरियल और कॉफी जैसी प्रोसेस्ड फूड्स पर केवल 5% जीएसटी लागू होगा। इसका उद्देश्य खाद्य वस्तुओं को किफायती बनाना, कर प्रणाली में स्पष्टता लाना और उद्योगों को उत्पादन व गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने देना है।
उपभोक्ताओं को मिलेगा सीधा लाभ
इन सुधारों से मासिक खर्च में कटौती होगी। अब परिवार पोषण और स्वच्छता के मामले में समझौता किए बिना आवश्यक खाद्य वस्तुएं खरीद सकेंगे। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से फोर्टिफाइड, रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट उत्पादों जैसे विकल्प आसानी से उपलब्ध होंगे, जो आधुनिक व्यस्त जीवनशैली के लिए उपयुक्त हैं।
किसानों और एमएसएमई को भी फायदा
पासवान ने कहा कि यह सुधार सीधे किसानों और एमएसएमई को फायदा पहुंचाएगा। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग किसानों की आय को स्थिर करता है और किफायती प्रोसेस्ड फूड्स से दूध, अनाज, फल और मसालों की सालभर मांग बनी रहती है। इससे बर्बादी कम होगी और किसानों को बेहतर कीमत मिल सकेगी।
कारोबार और निवेश को बढ़ावा
जीएसटी सुधार से उद्योगों को कर दरों की स्पष्टता मिलेगी और व्यापार प्रक्रियाओं में सरलता आएगी। इससे निवेश बढ़ेगा और एमएसएमई जैसे छोटे उद्योगों को मजबूती मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि ये बदलाव न केवल देश के आम नागरिक के लिए लाभकारी हैं, बल्कि भारत को वैश्विक खाद्य बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने में भी मदद करेंगे।
जीएसटी 2.0 सुधार से उपभोक्ताओं, किसानों और व्यापारियों तीनों को लाभ मिलेगा, साथ ही त्योहारों से पहले बाजार में राहत और खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा।