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BUDGET 2025: ‘पीएम धन्य धान्य योजना’ से कृषि क्षेत्र में क्रांति, किसानों को मिलेगा संजीवनी बल

'PM Dhanya Dhanya Yojana’ will bring revolution in agriculture sector, farmers will get life saving power

बजट में कृषि को प्राथमिकता, किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में वित्तीय वर्ष 2025 का आम बजट पेश किया। यह उनका लगातार आठवां बजट था, जिसमें कृषि, उद्योग, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बड़े ऐलान किए गए। इस बजट में विशेष रूप से किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए ‘पीएम धन्य धान्य योजना’ की घोषणा की गई, जिससे देश के 100 जिलों को सीधा फायदा मिलेगा।

अपने भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में संतुलित और समावेशी विकास को सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि इस बजट में विशेष रूप से दालों के उत्पादन में वृद्धि, कपास उद्योग के विकास, और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ाने जैसी योजनाओं की घोषणा की गई है।

‘पीएम धन्य धान्य योजना’ से कृषि क्षेत्र को मिलेगा नया प्रोत्साहन

सरकार की नई योजना ‘पीएम धन्य धान्य योजना’ कृषि क्षेत्र में एक क्रांति लाने के लिए तैयार है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दलहन उत्पादन को बढ़ावा देना और 100 जिलों में आधुनिक कृषि तकनीकों को लागू करना है।

वित्त मंत्री ने बताया कि भारत में दलहन की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उत्पादन अभी भी आवश्यक मात्रा से कम है। इसे देखते हुए सरकार ने इस योजना के तहत विशेष रूप से तुअर, मसूर और उड़द के उत्पादन को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है।

🔹 किसानों को नई तकनीक, संसाधन और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
🔹 दलहन की आत्मनिर्भरता के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज, सिंचाई सुविधाएं और मार्केटिंग में सुधार लाया जाएगा।
🔹 सरकार दलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को भी बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल सके।

वित्त मंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और किसानों को अधिक लाभ देना है।”

कपास उद्योग को नई ऊंचाइयां देने की योजना

कपास उत्पादन और उसके विपणन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस बजट में बड़े कदम उठाए हैं। अगले पांच वर्षों तक सरकार विशेष रूप से कपास उद्योग पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे देश के कपड़ा उद्योग को मजबूती मिलेगी।

🔹 किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों से प्रशिक्षित किया जाएगा।
🔹 कपास की गुणवत्ता सुधारने के लिए नए शोध और तकनीकों को अपनाया जाएगा।
🔹 अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के कपास की मांग को बढ़ाने के लिए नई नीतियां लाई जाएंगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि कपास किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ‘इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क’ जैसी योजनाओं को लागू कर सकती है।

किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा: KCC की सीमा बढ़कर ₹5 लाख

किसानों के लिए इस बजट में एक और बड़ा ऐलान किया गया। अब किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है।

🔹 किसानों को सस्ती दरों पर कृषि ऋण उपलब्ध होगा।
🔹 बैंकों से आसान लोन मिलने से साहूकारों पर निर्भरता कम होगी।
🔹 कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसान नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

सरकार का मानना है कि इस कदम से छोटे और सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा, जिससे वे अपनी खेती को और बेहतर बना सकेंगे।

समावेशी विकास पर सरकार का जोर, हर वर्ग को मिलेगा लाभ

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस वर्ष के बजट में विकास के 10 प्रमुख क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं, जिनमें गरीब, युवा, किसान और महिलाएं केंद्र में हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य ग्रामीण समृद्धि को बढ़ाना, आत्मनिर्भर भारत को सशक्त करना और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को मजबूत करना है।

🔹 गांवों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए नई योजनाएं।
🔹 युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि।
🔹 महिलाओं के लिए नए उद्यमिता कार्यक्रमों की शुरुआत।

वित्त मंत्री ने कहा, “यह बजट केवल आर्थिक विकास की बात नहीं करता, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का एक विजन प्रस्तुत करता है।”

 कृषि क्षेत्र को मिलेगा नई दिशा

बजट 2025 कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। ‘पीएम धन्य धान्य योजना’, कपास उद्योग को समर्थन, और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ाने जैसे फैसले कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेंगे।

इस बजट में सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना उसकी प्राथमिकता है। यदि ये योजनाएं प्रभावी रूप से लागू होती हैं, तो भारत का कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में एक नए युग में प्रवेश कर सकता है। 🚜🌾

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