
नई दिल्ली, 1 अगस्त 2025 – कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षाओं में लगातार सामने आ रही अनियमितताओं और तकनीकी गड़बड़ियों को लेकर देशभर के अभ्यर्थियों में आक्रोश व्याप्त है। हजारों उम्मीदवार सड़कों पर उतर आए हैं और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के जंतर मंतर और अन्य शहरों में हुए प्रदर्शनों में छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों ने भी भाग लिया।
परीक्षा में अव्यवस्था और तकनीकी खामियाँ
हाल में हुई SSC फेज-13 चयन परीक्षा के दौरान कई परीक्षा केंद्रों पर पेपर विलंब से पहुंचा, कुछ स्थानों पर गलत प्रश्नपत्र बांटे गए, तो कहीं तकनीकी कारणों से परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। इसके कारण हजारों छात्रों को बार-बार केंद्रों तक आना पड़ा, जिससे समय और संसाधनों की भारी बर्बादी हुई।
अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा तंत्र में न तो पारदर्शिता है और न ही समयबद्धता। कई उम्मीदवारों को अंतिम समय में परीक्षा रद्द होने की सूचना मिली, जिससे वे मानसिक रूप से भी परेशान हुए। सोशल मीडिया पर #SSCMismanagement ट्रेंड कर रहा है, जिसमें छात्र अपनी आपबीती साझा कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की गूंज
वहीं, पश्चिम बंगाल में 2016 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप लगे हैं। कोर्ट के आदेश के अनुसार करीब 25,000 नियुक्तियाँ रद्द की जा चुकी हैं। जांच एजेंसियों द्वारा पूर्व मंत्रियों समेत कई अधिकारियों पर शिकंजा कसा जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह नई भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करे और दिसंबर 2025 तक चयन प्रक्रिया पूरी करे।
हालांकि प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार समय पर कार्रवाई नहीं कर रही है और दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
अभ्यर्थियों की मांगें और आगे की राह
अभ्यर्थी SSC से मांग कर रहे हैं कि परीक्षा संचालन में पारदर्शिता लाई जाए, तकनीकी खामियों को दूर किया जाए और जिन छात्रों की परीक्षाएं प्रभावित हुई हैं, उन्हें दोबारा मौका दिया जाए। साथ ही, फाइनल उत्तर कुंजी सार्वजनिक करने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को स्पष्ट करने की भी मांग की जा रही है।
यदि आयोग ने शीघ्र समाधान नहीं निकाला, तो आंदोलन और तेज होने की संभावना है। छात्रों का स्पष्ट संदेश है – “भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं सहेंगे, हमें न्याय चाहिए।”