Uttarkashi disaster: राज्यपाल गुरमीत सिंह पहुंचे धराली-हर्षिल, प्रभावितों को दिलाया मदद का भरोसा
Governor Gurmeet Singh reached Dharali-Harsil, assured help to the affected

आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा
उत्तरकाशी: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों धराली, हर्षिल और मुखबा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों से भेंट की और राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। राज्यपाल ने कहा कि आपदा से जूझ रहे परिवारों को किसी भी हाल में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा और हर संभव सहायता उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रभावित परिवारों से संवाद
मुखबा में धराली और हर्षिल से आए प्रभावित लोगों से मिलकर राज्यपाल ने उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार और प्रशासन उनके साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाएं तैयार की जाएं, ताकि प्रभावित परिवार जल्द ही सामान्य जीवन में लौट सकें।
राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा
दौरे के दौरान राज्यपाल ने आपदा प्रबंधन, राहत और सुरक्षा कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने जिला प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों से जानकारी लेकर उनकी तत्परता की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि सभी एजेंसियों का आपसी समन्वय ही बचाव कार्यों की सबसे बड़ी ताकत है।
सेना और रेजीमेंट की सराहना
विशेष रूप से राज्यपाल ने 14 राजपूताना रेजीमेंट के जवानों की बहादुरी और सेवा भाव की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि स्वयं आपदा से प्रभावित होने के बावजूद जवानों ने राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय योगदान दिया। राज्यपाल ने इसे मानवता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रेरणादायक उदाहरण बताया।
धराली आपदा की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 5 अगस्त को धराली क्षेत्र में खीर गंगा के उफान से बड़ी तबाही हुई थी। इस आपदा में धराली बाजार पूरी तरह बह गया। होटल, लॉज, दुकानें और कई भवन मलबे में तब्दील हो गए। ग्रामीणों को न केवल कारोबार का नुकसान हुआ बल्कि आजीविका का संकट भी गहरा गया।
कृषि और बागवानी को नुकसान
आपदा का असर किसानों पर भी भारी पड़ा है। सेब के बगीचों को भारी नुकसान पहुंचा, जबकि राजमा की फसल भी बर्बाद हो गई। कृषि विभाग के अनुसार जिले में कुल 7.30 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, जिसमें से अकेले 3.10 हेक्टेयर नुकसान धराली क्षेत्र में हुआ। विभाग ने अनुमान लगाया है कि अब तक करीब 7 करोड़ 18 लाख रुपये की कृषि हानि हो चुकी है।
पुनर्वास को प्राथमिकता
राज्यपाल ने कहा कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए ठोस और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की जा रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों और कारोबारियों को मुआवजा शीघ्र उपलब्ध कराया जाए, ताकि उनकी आजीविका का संकट दूर हो सके।