चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन पर आपत्ति, होटल एसोसिएशन ने सरकार से नियमों में बदलाव की मांग की
Objection to Chardham Yatra registration, Hotel Association demands change in rules from the government
देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले चारधाम होटल एसोसिएशन ने यात्रा की मौजूदा रजिस्ट्रेशन प्रणाली और नियमों पर सवाल उठाए हैं। एसोसिएशन ने पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे से मुलाकात कर यात्रियों की सीमित संख्या, सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म और आधार लिंकिंग जैसी बाधाओं को खत्म करने की मांग की।
यात्रियों की संख्या सीमित करना अनुचित – होटल व्यवसायी
चारधाम होटल एसोसिएशन का कहना है कि हर दिन यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित करना सही नहीं है। इससे कई श्रद्धालु यात्रा से वंचित रह जाते हैं, और होटल, धर्मशालाओं एवं स्थानीय व्यापार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एसोसिएशन का कहना है कि इस नियम से पर्यटन उद्योग को बड़ा नुकसान हो सकता है और इसे जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए।
सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म की बाध्यता हटाने की मांग
होटल व्यवसायियों ने सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म की अनिवार्यता पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि अधिकांश श्रद्धालु, खासकर बुजुर्ग यात्री, बिना किसी पूर्व बुकिंग के यात्रा पर आते हैं। ऐसे में यह फॉर्म भरना श्रद्धालुओं के लिए परेशानी पैदा करता है और होटल व्यवसाय पर भी असर डालता है।
ड्राइवर ट्रेनिंग और आधार लिंकिंग का विरोध
होटल एसोसिएशन ने सरकार को यह भी सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा में कमर्शियल वाहन चालकों के लिए हर बार ट्रेनिंग अनिवार्य करने का नियम व्यावहारिक नहीं है। उनका कहना है कि एक बार ट्रेनिंग लेना ही पर्याप्त होना चाहिए।
साथ ही, यात्रा रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक करने के नियम पर भी सवाल उठाए गए। होटल व्यवसायियों का मानना है कि इससे श्रद्धालुओं के लिए अनावश्यक जटिलताएं बढ़ सकती हैं और फ्रॉड की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।
मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी सौंपा ज्ञापन
पर्यटन सचिव से मुलाकात के बाद होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अनुरोध किया कि चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से चलाने के लिए इन नियमों को बदला जाए, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु यात्रा का लाभ उठा सकें।
चारधाम होटल एसोसिएशन ने सरकार से यात्रा नियमों को सरल बनाने और श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने जैसी बाधाओं को हटाने की अपील की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन मांगों पर क्या फैसला लेती है और चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए क्या कदम उठाती है।



