उत्तराखंड

देहरादून–मसूरी मार्ग पर नया आकर्षण: लोक संस्कृति से सजे चौराहे पर्यटकों का करेंगे स्वागत

New attraction on Dehradun-Mussoorie road: Crossroads decorated with folk culture will welcome tourists

देहरादून:  राजधानी से मसूरी जाने वाले यात्रियों के लिए अब सफर और भी खास होने वाला है। कुठालगेट और राजपुर रोड स्थित साईं मंदिर तिराहे पर पारंपरिक पहाड़ी शैली और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाला सौंदर्यीकरण कार्य अंतिम चरण में है। इस पहल के बाद यहां आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ गढ़वाल और कुमाऊं की समृद्ध लोक संस्कृति का अनुभव भी मिलेगा।

पारंपरिक अंदाज में निखरेंगे चौराहे

जिलाधिकारी सविन बंसल की देखरेख में चल रही इस परियोजना के तहत दोनों प्रमुख स्थानों को पहाड़ी वास्तुकला, नक्काशी और कलाकृतियों से सजाया जा रहा है। यहां राज्य के महान व्यक्तित्वों, स्वतंत्रता सेनानियों और आंदोलनकारियों की मूर्तियां भी लगाई जा रही हैं, ताकि राहगीरों को उत्तराखंड के इतिहास से जुड़ी प्रेरणादायक झलक मिल सके।


यातायात व्यवस्था में सुधार

परियोजना के अंतर्गत कुठालगेट और साईं मंदिर तिराहे पर 10 मीटर चौड़ी अतिरिक्त स्लिप रोड बनाई गई है, जिससे यातायात में जाम की समस्या कम होगी। साथ ही चार प्रमुख चौराहों का चौड़ीकरण और राउंड अबाउट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे वाहन संचालन अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित होगा।


सप्ताहभर में पूरे होंगे कार्य

निरीक्षण के दौरान डीएम सविन बंसल ने संबंधित विभागों को अधूरे कार्य, जैसे स्प्रिंग पोस्ट और अंतिम साज-सज्जा, जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले एक हफ्ते में सभी काम खत्म कर लिए जाएंगे, जिससे मार्ग न केवल सुंदर बल्कि यातायात के लिहाज से भी सुरक्षित बनेगा।


स्थानीय संस्कृति का होगा प्रदर्शन

सौंदर्यीकरण का मुख्य उद्देश्य केवल सड़क सुधारना नहीं, बल्कि इसे स्थानीय संस्कृति से जोड़ना है। गढ़वाल और कुमाऊं की पारंपरिक नक्काशी, चित्रकारी और सजावट के जरिये यहां की लोक कला को जीवंत किया जा रहा है। पर्यटक यहां स्थानीय परंपराओं, वेशभूषा और स्थापत्य कला की झलक देख सकेंगे।


10 करोड़ का स्मार्ट सिटी बजट

इस परियोजना के लिए स्मार्ट सिटी योजना से 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राशि का उपयोग न केवल बुनियादी ढांचे के सौंदर्यीकरण में बल्कि लोक परंपरा, धार्मिक स्थलों और राज्य आंदोलनकारियों की स्मृतियों को संजोने में भी किया जा रहा है।


पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा

यह प्रयास देहरादून–मसूरी मार्ग को महज ट्रांजिट रूट से आगे ले जाएगा। यहां रुककर पर्यटक कला, इतिहास और संस्कृति का आनंद ले सकेंगे, जिससे स्थानीय कारीगरों और कलाकारों के लिए भी रोजगार के नए अवसर बनेंगे।


अगस्त के अंत तक लोकार्पण

डीएम ने बताया कि अगस्त के अंत तक परियोजना पूरी कर औपचारिक लोकार्पण किया जाएगा। इसके बाद देहरादून से मसूरी की यात्रा केवल सफर नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक अनुभव भी होगी।

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