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उत्तराखंड में प्रकृति का कहर: पिथौरागढ़ के तीजम में अतिवृष्टि से तबाही, मसूरी में पेड़ गिरने से बाल-बाल बचे लोग

Nature's fury in Uttarakhand: Heavy rains wreak havoc in Teejam of Pithoragarh, people narrowly escape from falling tree in Mussoorie

पिथौरागढ़/मसूरी: उत्तराखंड में भारी बारिश ने एक बार फिर कहर बरपाया है। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील स्थित तीजम गांव में मंगलवार देर रात आई अतिवृष्टि ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। वहीं, मसूरी में एक विशाल पेड़ गिरने से बड़ा हादसा टल गया। दोनों घटनाएं राज्य में हो रही लगातार वर्षा की गंभीरता को दर्शाती हैं, जो जनसुरक्षा के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है।

तीजम में बादल फटने की आशंका, पुल बहने से टूटा संपर्क

पिथौरागढ़ जिले की दारमा वैली के तीजम गांव में मंगलवार देर रात तेज बारिश से भारी तबाही मच गई। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यह बादल फटने की घटना हो सकती है, हालांकि अभी तक प्रशासनिक पुष्टि नहीं हुई है। जल प्रलय की चपेट में आकर तीजम को जोड़ने वाला लकड़ी का पुल पूरी तरह बह गया है, जिससे गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय धारचूला से कट गया है।

ग्रामीणों द्वारा घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए गए हैं, जिसमें पानी का तेज बहाव और क्षतिग्रस्त पुल स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से तत्काल मदद की मांग की है। घटना के समय रात लगभग 12 बजे का बताया जा रहा है। प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्यों के लिए मौके की ओर रवाना हो चुकी है, लेकिन दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते टीमों को पहुंचने में समय लग सकता है।

सैकड़ों लोग फंसे, पैदल पुल भी बहा

ग्रामीणों के अनुसार, पुल बहकर करीब एक किलोमीटर दूर चला गया है और जहां पहले पुल था, वहां अब उसका कोई आधार शेष नहीं बचा है। पैदल आवाजाही के लिए उपयोग में लाया जाने वाला अस्थायी पुल भी बह चुका है। नतीजतन, नदी के दूसरी ओर बसे सैकड़ों लोग पूरी तरह से फंसे हुए हैं। इलाके की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने प्रशासन से हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाने की अपील की है।

तीजम गांव धारचूला से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है, जबकि पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 150 किलोमीटर है। भारी बारिश के चलते कई सड़कें बंद हैं, जिससे राहत कार्यों में देरी हो रही है।

मसूरी में बड़ा हादसा टला, स्कूटी और कार पर गिरा पेड़

इधर, मसूरी में टिहरी बस स्टैंड के पास बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। एक विशाल बांज का पेड़ अचानक मुख्य सड़क पर गिर पड़ा, जिसकी चपेट में एक कार और एक स्कूटी आ गईं। दोनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन सौभाग्यवश उस वक्त कोई व्यक्ति इन गाड़ियों में मौजूद नहीं था।

स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह के समय स्कूल जाने वाले बच्चे और राहगीर बड़ी संख्या में उस सड़क से गुजरते हैं। गनीमत यह रही कि पेड़ गिरने से कुछ ही सेकंड पहले वे लोग वहां से आगे बढ़ चुके थे, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

वन दरोगा अभिषेक सजवाण ने जानकारी दी कि पेड़ काफी पुराना था और हाल की बारिश व तेज हवाओं के कारण उसकी जड़ें कमजोर हो गई थीं। इसके बाद वन विभाग ने आसपास के पेड़ों की जांच शुरू कर दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

स्थानीय लोगों में दहशत, प्रशासन से मांग

स्थानीय निवासी दिगंबर लाल ने बताया कि अगर यह हादसा दो मिनट पहले होता, तो कई स्कूली बच्चे उसकी चपेट में आ सकते थे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि शहर के भीतर और आसपास के सभी पुराने और कमजोर पेड़ों की जांच कर उन्हें हटाया जाए।

सतर्कता और त्वरित राहत की आवश्यकता

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने फिर यह साबित कर दिया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। पिथौरागढ़ की घटना हो या मसूरी का हादसा, दोनों ही मामलों में समय रहते चेतावनी और तैयारी ने जानमाल की बड़ी हानि को टाल दिया, लेकिन यह अलर्ट भविष्य के लिए एक संकेत भी है कि अब और गंभीरता से कार्य करना होगा।

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