
1 जनवरी 2025 को देहरादून में मुख्य कोषाधिकारी और निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण अधिकारी नीतू भंडारी द्वारा नगर निकाय चुनावों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अधिकारियों और कार्मिकों को चुनावी व्यय प्रक्रिया, लेखा-जोखा रखने और निरीक्षण की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
निर्वाचन व्यय का लेखा रखने के निर्देश
प्रशिक्षण में बताया गया कि उम्मीदवार, उनके एजेंट, या उनके अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा नामांकन से लेकर परिणाम घोषित होने तक किए गए सभी व्ययों का लेखा रखना अनिवार्य है। इस अवधि में किए गए सभी खर्चों का विवरण सही तरीके से दर्ज किया जाएगा।
व्यय निरीक्षण और सत्यापन की प्रक्रिया
प्रचार अवधि के दौरान उम्मीदवार या उनके एजेंट को कम से कम तीन बार व्यय रजिस्टर प्रस्तुत करना होगा। सहायक व्यय प्रेक्षक और प्रभारी लेखा टीम समन्वय स्थापित कर उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत व्यय रजिस्टर का निरीक्षण और सत्यापन करेंगे।
निर्वाचन व्यय का अंतिम ब्यौरा
प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि हर उम्मीदवार को परिणाम घोषित होने के 30 दिनों के भीतर अपने व्यय का अंतिम ब्यौरा लेखा टीम को सौंपना होगा। यह प्रक्रिया निर्वाचन व्यय में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
निर्वाचन व्यय की दरों की जानकारी
बैठक में जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमोदित विभिन्न मदों की दरों की सूची भी साझा की गई। इसके आधार पर सभी अधिकारियों और कार्मिकों को व्यय निगरानी की प्रक्रिया के निर्देश दिए गए।
प्रमुख अधिकारी और प्रतिभागी
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में वरिष्ठ और सहायक अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से आलोक शाह (वरिष्ठ संभागीय वित्त अधिकारी), श्रीमती इंदिरा भट्ट (उप निदेशक, लेखा परीक्षा), आशीष खुदलानी (वरिष्ठ वित्त अधिकारी), कुसुमलता शाह (उप कोषाधिकारी), और अनंत रजनीश (सहायक कमिश्नर) शामिल थे। साथ ही, सहायक व्यय प्रेक्षक, लेखा टीम प्रभारी, और अन्य संबंधित अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नगर निकाय चुनावों में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करना था। अधिकारियों को बताया गया कि व्यय प्रक्रिया का सही तरीके से पालन और उसका सटीक लेखा-जोखा चुनावी प्रक्रियाओं की निष्पक्षता और ईमानदारी को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।