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Education Department Scrutiny: शिक्षकों की हो रही सख्त स्क्रूटनी: फर्जी दावों पर होगी कार्रवाई, दोषी शिक्षक होंगे बर्खास्त

Strict scrutiny of teachers is being done: action will be taken on fake claims, guilty teachers will be dismissed

देहरादून 27/09/2024: उत्तराखंड शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चा में है, इस बार शिक्षकों की नियुक्ति, तबादले और फर्जी दस्तावेजों से जुड़ी जांच के कारण। विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। खासतौर पर, उन शिक्षकों की स्क्रूटनी तेज कर दी गई है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल कर चुके हैं या गंभीर बीमारी का बहाना बनाकर सुगम स्थानों पर तबादले करवा रहे हैं।

फर्जी दस्तावेजों की जांच तेज:

शिक्षा विभाग ने राज्य में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की व्यापक जांच शुरू की है। इससे पहले, एक पीआईएल के बाद मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था, जिससे महकमे को फर्जी शिक्षकों की जांच में तेजी लानी पड़ी। अब तक की जांच में 70 से अधिक शिक्षकों को फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का दोषी पाया गया है, और उन्हें बर्खास्त किया जा चुका है। हालांकि, अभी भी लगभग 12% प्राथमिक शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच बाकी है, जिसे जल्द ही पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

तबादलों में अनियमितता पर सख्ती:

शिक्षा विभाग के भीतर तबादलों को लेकर भी अक्सर विवाद सामने आते रहते हैं। कई शिक्षक गंभीर बीमारी का बहाना बनाकर सुगम स्थानों पर तबादले कराने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों में स्वास्थ्य प्रमाणपत्रों की भी जांच की जा रही है। विभाग ने अब इस दिशा में स्पष्ट गाइडलाइंस तैयार की हैं, ताकि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सके।

अनिवार्य सेवानिवृत्ति की दिशा में कदम:

शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने जिलों से ऐसे शिक्षकों की रिपोर्ट तलब की है, जो गंभीर बीमारियों के कारण अपने कार्य को सुचारू रूप से नहीं कर पा रहे हैं। इन शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं, जिससे विभाग में कार्यकुशलता बढ़ाई जा सके और अनियमितताओं को रोका जा सके।

समग्र सुधार की दिशा में कदम:

विभाग अब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों और तबादले में अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है। यह कदम शिक्षा विभाग के भीतर पारदर्शिता लाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

निष्कर्ष:

उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की नियुक्ति, प्रमाणपत्रों और तबादलों से जुड़े मामलों में सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों को बर्खास्त करने और गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की दिशा में तेजी से कार्रवाई की जा रही है, ताकि शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके।

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