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नीति घाटी में माइनस तापमान, झरने और नदियां बनीं बर्फ का हिस्सा

Minus temperature in Niti valley, waterfalls and rivers turned into ice

चमोली। नीति घाटी में सर्दी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। यहां रात के समय तापमान माइनस में पहुंच गया है, जिससे झरने, नदियां और गदेरे जमने लगे हैं। टिंबरसैंण गुफा के मुख्य द्वार पर बर्फ की मोटी परत जम गई है, जिससे गुफा पूरी तरह से बर्फानी नजारा पेश कर रही है। घाटी के आस-पास के इलाकों में ठंड से जनजीवन प्रभावित है, और शीतलहर का प्रभाव बढ़ रहा है।

हल्की बर्फबारी से उम्मीद जगी, फिर भी पर्यटक निराश

हाल ही में हुई हल्की बर्फबारी से औली और आसपास के इलाकों में पर्यटन बढ़ने की उम्मीद जगी थी, लेकिन मौसम साफ होने से यह बर्फ पिघल गई। हालांकि, नीति घाटी में रात के माइनस तापमान के कारण पर्यटक यहां का रुख कर रहे हैं। चमोली जनपद में जगह-जगह अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिश की जा रही है।

क्रिसमस और न्यू ईयर पर पर्यटकों को बर्फबारी की उम्मीद

क्रिसमस और नववर्ष के मौके पर विभिन्न राज्यों से पर्यटक उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, मसूरी और औली जैसे लोकप्रिय स्थलों पर फिलहाल बर्फबारी नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, नए साल के आसपास बर्फबारी की संभावना बनी हुई है, जिससे पर्यटक इस उत्सव का आनंद ले सकेंगे।

मसूरी में बदला मौसम, बर्फबारी से गिरा तापमान

मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी में बर्फबारी और हल्की बारिश के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। लाल टिब्बा, सुरकंडा देवी और नाग टिब्बा जैसी ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर बर्फबारी ने लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। ठंड बढ़ने के कारण स्थानीय लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं।

बर्फबारी का पर्यटन व्यवसाय पर असर

मसूरी और औली में बर्फबारी का सीधा असर पर्यटन व्यवसाय पर पड़ेगा। स्थानीय व्यवसायियों को उम्मीद है कि बर्फबारी से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, जिससे उनका व्यवसाय फिर से गति पकड़ेगा।

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