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मंत्री रेखा आर्य पर आचार संहिता उल्लंघन के आरोप, कांग्रेस ने उठाए सवाल

Minister Rekha Arya accused of violating code of conduct, Congress raises questions

क्या सत्ता और विपक्ष के लिए अलग-अलग हैं नियम? गरिमा मेहरा दसौनी ने राज्य निर्वाचन आयोग से की कार्रवाई की मांग

देहरादून, 26 दिसंबर, 2024: उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया है। दसौनी ने आरोप लगाया कि मंत्री ने शहरी निकाय चुनाव के दौरान लागू आचार संहिता के बावजूद सरकारी योजनाओं का लोकार्पण कर नियमों की अनदेखी की है।

सरकारी योजनाओं के लोकार्पण पर उठे सवाल

गरिमा मेहरा दसौनी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि मंत्री रेखा आर्य ने अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेडियम, गौलापार में पूर्व निर्मित क्रिकेट मैदान पर फुटबॉल मैदान के निर्माण (लागत 288.06 लाख) और अंतरराष्ट्रीय हल्द्वानी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेडियम (लागत 1510.93 लाख) का लोकार्पण किया। दसौनी ने आरोप लगाया कि ये कार्यक्रम आचार संहिता लागू होने के बावजूद आयोजित किए गए, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।

“क्या प्रदेश में दो कानून लागू हैं?”

दसौनी ने सवाल उठाया कि क्या सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए अलग-अलग नियम-कानून लागू किए जा रहे हैं? उन्होंने कहा, “आचार संहिता के दौरान विपक्षी दलों के राजनीतिक कार्यक्रमों पर स्वतः रोक लगाई जाती है, लेकिन सत्ता पक्ष अपनी हठधर्मिता से बाज नहीं आ रहा।”

राज्य निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की मांग

दसौनी ने राज्य निर्वाचन आयोग से मामले का संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा कि मंत्री रेखा आर्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर राज्य निर्वाचन आयोग इस पर कार्रवाई नहीं करता, तो यह वीआईपी संस्कृति को बढ़ावा देने जैसा होगा और अन्य राजनीतिक दल भी गाइडलाइंस की अनदेखी करने से पीछे नहीं हटेंगे।”

“अपनों पर करम, गैरों पर सितम” की नीति नहीं चलेगी

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता पक्ष की इस तरह की कार्यशैली राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए सही नहीं है। उन्होंने आगाह किया कि अगर मंत्री रेखा आर्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो यह अन्य राजनीतिक दलों के लिए गलत संदेश होगा।

राज्य निर्वाचन आयोग पर अब दबाव है कि वह निष्पक्षता दिखाते हुए मामले में कार्रवाई करे और आचार संहिता का सम्मान सुनिश्चित करे।

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